Fact check: कान पकड़कर झुमके चोरी होने की बात दोहरा रहे थे शाहू छत्रपति, वायरल दावा फेक

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि कान पकड़े हुए कांग्रेस नेता शाहू छत्रपति की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। उन्होंने लोगों से माफी नहीं मांगी थी। दरअसल, महिलाएं उनसे कान के झुमके चोरी होने की बात कह रही थी। उसी बात को वो दोहरा रहे थे, जिसके वीडियो को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। 

Fact check: कान पकड़कर झुमके चोरी होने की बात दोहरा रहे थे शाहू छत्रपति, वायरल दावा फेक

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता शाहू छत्रपति की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में उन्हें अपने कानों को पकड़े हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर अवैध दरगाह-मजारों के अतिक्रमण अभियान के लिए माफी मांगी। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। उन्होंने लोगों से माफी नहीं मांगी थी। दरअसल, महिलाएं उनसे कान के झुमके चोरी होने की बात कह रही थी। उसी बात को वो दोहरा रहे थे, जिसके वीडियो को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर पुष्कर भारद्वाज ने 19 जुलाई 2024 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “कान पकड़कर मुसलमानों से माफी मांग रहा ये शख्स छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज कांग्रेस सांसद शाहू छत्रपति हैं। मौजूदा बीजेपी सरकार अवैध दरगाह-मजारों के खिलाफ अतिक्रमण अभियान चला रही जिसके  लिए ये च** से माफी मांग रहा। शिवाजी महाराज जीवन भर उन्हीं शक्तियों से लड़ते रहे। मुगल उन्हें घुटने टेकने पर मजबूर नहीं कर सके लेकिन आज उनका एक वंशज चंद वोटों के लिए उनके सामने घुटने टेक रहा है…दुखद…यह शिवाजी महाराज की विरासत का अपमान है।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ा एक वीडियो 16 जुलाई 2024 को मुंबई तक के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। मौजूद जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के विशालगढ़ में हुई हिंसा के बाद  शाहू महाराज वहां पर लोगों से मिलने के लिए पहुंचे थे।  शाहू महाराज को देखते ही महिलाएं अपनी आपबीती सुनाने लगी। वीडियो में 1.38 पर देखा जा सकता है कि एक महिला उन्हें आपबीती सुनाते हुए कहती हैं कि उपद्रवियों ने महिलाओं के गहने छीन  लिए। इसी बात को पहले इशारे से महिलाओं को कहते हैं और फिर वहां पर मौजूद विधायक सतेज पाटिल से भी यही बात इशारे से कहते हैं। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कई अन्य कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें एक अन्य वीडियो एबीपी माझा के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिला। वीडियो को 18 जुलाई 2024 को शेयर किया गया। वीडियो को दूसरे एंगल से लिया गया है। वीडियो में साफ देखा और सुना जा सकता है कि महिलाएं उनसे उपद्रवियों की शिकायत करती है और बताती हैं कि उन्होंने हमारे गहने छीन  लिए। इसी दौरान वो उनसे बाते करते हुए कानों पर हाथ रखते हैं और ये बात वहां पर मौजूद विधायक सतेज पाटिल को बताते हैं। 

एनडीटीवी की वेबसाइट पर 17 जुलाई 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के कोल्हापुर से कुछ दूरी पर स्थित विशालगढ़ किला काफी समय से अवैध कब्जे और अतिक्रमण को लेकर चर्चा में है। स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि वहां पर मौजूद एक दरगाह को अवैध तरीके से आगे बढ़ाया  जा रहा है। दरअसल, पूर्व सांसद संभाजी राजे ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो अवैध कब्जे को हटाने में नाकाम रही है। इसलिए उन्होंने अपने समर्थकों के साथ अवैध कब्जे को हटाने का एलान किया और विशालगढ़ किले पर पहुंच गए। देखते ही देखते माहौल हिंसक हो गया। 

अधिक जानकारी के लिए हमने मिड-डे के सीनियर रिपोर्टर समीउल्लाह खान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। कांग्रेस नेता शाहू छत्रपति घटनास्थल पर पीड़ितों से मिलने के लिए गए थे। इसी दौरान उन्होंने महिलाओं से बातचीत की थी। महिलाएं उन्हें अपनी आपबीती सुना रही थी और अपने आभूषण के छीन जाने की बातें बता रही थी।  उसी दौरान उन्होंने ये इशारा किया था। 

अंत में  हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 17 सौ से अधिक लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि कान पकड़े हुए कांग्रेस नेता शाहू छत्रपति की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। उन्होंने लोगों से माफी नहीं मांगी थी। दरअसल, महिलाएं उनसे कान के झुमके चोरी होने की बात कह रही थी। उसी बात को वो दोहरा रहे थे, जिसके वीडियो को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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