Fact Check: 2016 में छपी खबर के स्क्रीनशॉट को अब शेयर कर फैलाया जा रहा है भ्रम

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। असल में यह घटना 2016 की है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली): विश्वास न्यूज को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट मिला, जो कि एक अख़बार की कटिंग का स्क्रीनशॉट है। अख़बार में छपी हेडलाइन है- “डीएम सर, मैं पढ़ना चाहता हूं मास्टर साहब भगा देते हैं।” पोस्ट के ज़रिये उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। असल में यह घटना 2016 की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Ajay Kumar Gautam ने इस स्क्रीनशॉट को पोस्ट किया और साथ में लिखा, “रामानुज यादव को स्कूल मे एडमीशन नही दे रहा ब्राह्मण शिक्षक !कहता है जाओ खेत मे काम करो.! इसमें सारा कसूर ब्राह्मणों का नहीं है वो अपनी जगह पे सही है। फर्क ये है कि वो द्रोणाचार्य और बालगंगाधर तिलक का अनुसरण करते हैं। और हम ज्योतिबाफुले, बाबासाहब और ललई यादव को भुल चुके हैं!! जय भीम”

आर्टिकल के अंदर “डीएम सर, मैं पढ़ना चाहता हूं। साहब भगा देते हैं… मास्टर साहब
सेवा में, जिलाधिकारी महोदय मेरा नाम रामानुज यादव है, मै पढ़ना चाहता हूं, जब भी एडमिशन के लिए जाता हूँ मास्टर साहब गाली और धक्का देकर भगा देते हैं, कहते हैं पढ़ लिख कर कौन सा मुख्यमंत्री बन जाओगे, जाओ खेत में काम करो।
यह उस गरीब छात्र की डीएम को भेजी गई पाती के अंश है, जिसमें उसने पढ़ने के लिए गुहार लगाई है। लव्वाटेपुरा के खोदीपुरवा का रहने वाला यह बच्चा शुक्रवार को साइकिल से गोंडा आया और अफसरों से अपना दर्द बयां किया। ‘हिन्दुस्तान’ को रामानुज ने बताया कि जूनियर हाईस्कूल लवाटेप में कक्षा छह में वहां के प्रधानाध्यापक प्रवेश नहीं दे रहे हैं। उसने कहा जब भी जाते हैं मारकर और गाली देकर भगा देते हैं। आज जब नहीं रहा गया तो डीएम सर से मिलने आ गया, वो नही थे तो ऑफिस में प्रार्थना पत्र दे दिया है। वो बोला में हर हाल में पढ़ाई करूंगा चाहे, जो करना पड़े।
78 दिनों से भगा रहे हैं मास्टर:
प्रधानाध्यापक उसे 78 दिनों से स्कूल से भगा रहे हैं। पिता देवी प्रसाद यादव और बाबा को लेकर गया तो भी भगा दिया और धमकी दी कि मेरे यहां रहते तुम्हारा एडमिशन नहीं होगा। इस मामले में छात्र ने प्रधानाध्यापक हरिराम शुक्ला को आरोपित करते हुए शिकायत की है। बीएसए शिवेन्द्र सिंह ने पूछे जाने पर कहा कि शिकायत की गंभीरता के मामले को देखने के बाद ही कुछ कह सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधान को नोटिस भेजी जा रही है।”

यहां पोस्ट और उसके आर्काइव लिंक को देखा जा सकता है।

पड़ताल:

विश्वास न्यूज ने वायरल आर्टिकल के स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढा। Shubhshek Singh Yadav नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस अख़बार की कटिंग को 2016 में शेयर। साथ में लिखा था “आरोपित प्रधानाध्यापक : “हरिराम शुक्ल” भुक्तभोगी छात्र : “रामानुज यादव”…….. “हम कुछ बोलेंगे तो बोलोगे की बोलता है” ! #कुंठित #जातिवादी”

कीवर्ड्स के साथ ढूंढ़ने पर हमें यह खबर sabrangindia.in नाम की एक वेबसाइट पर भी मिली। खबर के अनुसार, “गोंडा जिले के लव्वाटेपुरा के खोदीपुरवा गाँव के रामानुज यादव ने परेशान होकर जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अपनी व्यथा बताई है। रामानुज ने लिखा है कि मैं पढ़ना चाहता हूँ, लेकिन जब भी मैं गाँव के जूनियर हाईस्कूल दाखिले के लिए जाता हूँ तो हेडमास्टर शुक्ला गालियाँ देकर भगा देता है और कहता है कि पढ़-लिखकर कौन-सा तू मुख्यमंत्री बन जाएगा, जा जाकर खेत में काम कर।”

इस विषय में पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण के लखनऊ संवाददाता अजय श्रीवास्तव से संपर्क साधा। उन्होंने कन्फर्म किया कि “यह घटना हालिया नहीं है। मामला 2016 का था।”

हमने फेसबुक यूजर ‘Ajay Kumar Gautam’ की सोशल स्कैनिंग की। प्रोफ़ाइल के अनुसार, वो मुंबई शहर में रहते हैं और फेसबुक पर उनके 5,000 फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। असल में यह घटना 2016 की है।

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Symbols that define nature of fake news
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