Fact Check: फिलिस्तीन की एक फिल्म से लिए स्क्रीनशॉट को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। वायरल तस्वीर का जाट आरक्षण आंदोलन में शहीद हुए योद्धा से कोई संबंध नहीं है। वायरल फोटो फिलिस्तीन की एक मूवी से लिया गया स्क्रीनशॉट है।

Fact Check: फिलिस्तीन की एक फिल्म से लिए स्क्रीनशॉट को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि ये कोई फिल्म का दृश्य नहीं है। ये वो जाट शूरवीर है, जिन्होंने फरवरी 2016 में अपनी कौम के लिए सीने पर गोली खाई थी। विश्वास न्यूज़ ने विस्तार से इस पोस्ट की जाँच की और पाया कि यह दावा गलत है। यह फोटो फिलिस्तीन की एक फिल्म “Mamlakat al-Naml (The Kingdom of Ants)” के दृश्य की है, जिसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

किसान युवा शक्ति मोर्चा ने 2 फरवरी को यह फोटो शेयर की है और लिखा है, “ये कौई फिल्मी दर्शय नहीं । ये वो जाट शूरवीर है जिन्होंने फरवरी 2016 में अपनी कौम के लिए छाती पर गोली खाई थी।जाट यौद्धा छोटे भाई को। कोटि कोटि नमन। 💐💐”

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इस पोस्ट से मिलते-जुलते दावे को शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्योंय का त्यों लिखा गया है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट का सच जानने के लिए यान्डेक्स टूल का इस्तेमाल किया। वायरल फोटो के स्क्रीनशॉट को यान्डेक्स टूल में डाला और इसके बहुत सारे परिणाम हमारे सामने आये। شوقي الماجري नाम के यूट्यूब चैनल पर 27 नवंबर 2015 को एक वीडियो अपलोड मिली। वीडियो को अपलोड कर लिखा गया था “KINGDOM OF ANTS فيلم مملكه النمل ـ ” वीडियो में 3 मिनट 38 सेकंड से लेकर 3 मिनट 40 सेकंड तक वायरल पोस्ट को देखा जा सकता है। पूरी वीडियो यहाँ देखें।

यहाँ से हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए कुछ कीवर्ड से यूट्यूब पर और सर्च किया तो हमें
الشباب العربي नाम के यूट्यूब चैनल पर 10 अप्रैल 2016 को अपलोड इस मूवी के 1:15 :04 से लेकर 1:15 :46 तक वायरल हो रही पोस्ट की फोटो को देख सकते हैं। वीडियो को यहाँ देखा जा सकता है।

हमारी अब तक की जांच में यह साबित हो गया कि वायरल तस्वीर Mamlakat al-Naml (The Kingdom of Ants)’ मूवी का सीन है, जिसे Chawk Mejri ने डायरेक्ट किया था।

अब हमने जाट आंदोलन में शहीद हुए योद्धाओं के बारे में सर्च किया तो हमें Sandeep Singh Bharti नाम के ट्विटर हैंडल पर एक फोटो शेयर की हुई मिली। इस तस्वीर में जाट आंदोलन में शहीद हुए शहीदों की तस्वीर थी। तस्वीर को शेयर कर लिखा गया था : जो कौम अपने #शहीदों को भूल जाती हैं वह ज्यादा लंबे समय जिंदा नहीं रह पाती। 2016 के आरक्षण आंदोलन में कुर्बान हुए सभी वीरों को कोटि कोटि #प्रणाम करते हुए एक बात मुझे हमेशा कचोटती है कि जिस मान सम्मान की लड़ाई में हमारे भाइयों ने शहादत दी थी वह लड़ाई आज तक अधूरी है।”

विश्वास न्यूज़ ने अपने सहयोगी दैनिक जागरण के हिसार रिपोर्टर मनोज कौशिक के साथ संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रही फोटो फेक है। यह पोस्ट बहुत पहले से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। कुछ लोग इस तरह की पोस्ट करके लोगों को गुमराह करते हैं।

गलत फोटो को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर की हमने सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि 3,868 लोग फॉलो करते हैं। यूजर के फेसबुक पर 4.9K दोस्त हैं।

पहले भी यह फोटो भ्रामक दावे के साथ काफी वायरल हुई थी। विश्वास न्यूज की उस समय की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। वायरल तस्वीर का जाट आरक्षण आंदोलन में शहीद हुए योद्धा से कोई संबंध नहीं है। वायरल फोटो फिलिस्तीन की एक मूवी से लिया गया स्क्रीनशॉट है।

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Symbols that define nature of fake news
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