Fact Check : फिल्‍म के सीन को सच मानकर लोग कर रहे हैं वायरल, फर्जी है पोस्‍ट

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। एक फिल्‍म के सीन को सच मानकर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check : फिल्‍म के सीन को सच मानकर लोग कर रहे हैं वायरल, फर्जी है पोस्‍ट

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर के बहाने देश के आईपीएस और आईएएस अफसरों पर सवाल खड़ा किया जा रहा है। तस्‍वीर में कथित तौर से तीन पुलिस के आला अधिकारियों को एक नेता के सामने झुका हुआ देखा जा सकता है। यूजर्स इसे सच मानकर लगातार वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की जांच की। हमें पता चला कि वर्ष 2011 में आई एक फिल्‍म के सीन को अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर वेद प्रकाश ने एक पोस्‍ट के माध्‍यम से दावा किया : ‘मुझे नहीं मालूम यह फोटो कहां का है पर जो यह ब्यान कर रहा है वह समझने में काफी है। बहुत से लोग यह हल्ला करते हैं कि फलां IPS हो गया फलां IAS हो गया। यह चित्र इन सब की पोल खोल रहा है।आजाद भारत पर यह कालिख है।’

तस्‍वीर में तीन कथित पुलिस अफसरों को एक व्‍यक्ति के सामने हाथ जोड़े देखा जा सकता है। वायरल पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें www.koimoi.com पर ‘क्‍या यही सच है’ नाम की फिल्‍म के रिव्‍यू में वायरल तस्‍वीर मिली। 30 दिसंबर 2011 को पब्लिश रिव्‍यू से हमें पता चला कि वायरल तस्‍वीर दरअसल एक फिल्‍म का सीन है। फिल्‍म को वाईपी सिंह ने बनाया था।

पड़ताल के दौरान हमने फिल्‍म का नाम गूगल में सर्च किया। हमें imdb से पता चला कि ‘क्‍या यही सच है वर्ष 2011 में रिलीज हुई थी। फिल्‍म के लेखक और निर्देशक वाईपी सिंह हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने वाई पी सिंह से संपर्क किया। उन्‍हें हमें बताया कि वायरल तस्‍वीर उनकी फिल्‍म ‘क्‍या यही सच है’ का एक सीन है। उन्‍होंने हमें अपनी पूरी फिल्‍म का यूट्यूब लिंक भेजा। वीडियो के 1:48 घंटे पर हमें वही सीन मिला, जिसकी तस्‍वीर को अब वायरल किया जा रहा है।

अंत में हमने फेसबुक यूजर वेद प्रकाश के अकाउंट की जांच की। हमें पता चला कि यूजर चंडीगढ़ का रहने वाला है। फिलहाल उदयपुर में रहते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। एक फिल्‍म के सीन को सच मानकर वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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