Fact Check: इंटरव्यू में भावुक नहीं हुए संजय राउत, क्राइंग फिल्टर से एडिट किया गया वीडियो

विश्वास न्यूज की पड़ताल में संजय राउत के वीडियो को लेकर वायरल दावा गलत निकला। संजय राउत का वीडियो एडिटेड है, जिसे गलत दावे को साथ शेयर किया जा रहा है। वीडियो स्नैपचैट ऐप के क्राइंग फिल्टर की मदद से बनाया गया है। 

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच शिवसेना नेता संजय राउत का 10 सेकेंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में संजय राउत भावुक होते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक से दुखी होकर संजय राउत रोने लगे।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। संजय राउत का वीडियो एडिटेड है, जिसे गलत दावे को साथ शेयर किया जा रहा है। वीडियो स्नैपचैट ऐप के क्राइंग फिल्टर की मदद से बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

ट्विटर यूजर Imran Solanki ने वायरल वीडियो के शेयर करते हुए लिखा है, संजय राउत के साथ जो हो रहा है, वो काफी गलत है। संजय राउत रो रहे हैं, क्योंकि वह शिवसेना और उद्धव ठाकरे के प्रति सच्ची निष्ठा रखते हैं।

पोस्‍ट का आकाईव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर असली वीडियो को सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें संजय राउत के इंटरव्यू का पूरा वीडियो आजतक के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 21 जून 2022 को अपलोड किया गया था। असली वीडियो में 6 सेकंड से 15 सेकंड तक वायरल वीडियो में दिख रहे सीन को देखा जा सकता है। असली वीडियो में देखा जा सकता है कि ये साफ तौर पर संजय राउत न ही रो रहे हैं और न ही भावुक हैं। वो साधारण तरीके से खड़े हैं और रिपोर्टर के प्रश्न पूछने का इंतजार कर रहे हैं।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कुछ अन्य कीवर्ड्स से खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमने पाया कि संजय राउत के रोने का वीडियो स्नैपचैट ऐप के क्राइंग फिल्टर की मदद से बनाया गया है। स्नैपचैट ऐप का क्राइंग फिल्टर इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है। इस फिल्टर की मदद से किसी को भी रोते हुए दिखाया जा सकता है।

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने शिवसेना के प्रवक्ता मंगत राम मुंडे से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को साझा किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। संजय राउत इंटरव्यू के दौरान न ही भावुक हुए हैं और न ही रोए हैं।

दोनों के बीच के अंतर को नीचे दी गई तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर के ट्विटर पर 10 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स मौजूद हैं। Imran Solanki ट्विटर पर अगस्त 2015 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में संजय राउत के वीडियो को लेकर वायरल दावा गलत निकला। संजय राउत का वीडियो एडिटेड है, जिसे गलत दावे को साथ शेयर किया जा रहा है। वीडियो स्नैपचैट ऐप के क्राइंग फिल्टर की मदद से बनाया गया है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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