Fact Check: सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क एआईएमआईएम में नहीं हुए शामिल, फर्जी पोस्ट हुई वायरल

संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने असदद्दुीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ज्वाइन नहीं की है। वह अब भी सपा से जुड़े हुए हैं। उनके पोते जियाउर्रहमान कुंदरकी विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

Fact Check: सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क एआईएमआईएम में नहीं हुए शामिल, फर्जी पोस्ट हुई वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपी चुनाव 2022 को लेकर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क से संबंधित एक पोस्ट वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क एआईएमआईएम में शामिल हो गए हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फर्जी है। सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अभी भी सपा से जुड़े हुए हैं। उनके पोते को सपा ने संभल से टिकट भी दिया है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर ‘हिन्दुस्तान का शेर ओवैसी’ ने 12 फरवरी को पोस्ट किया,
बिग ब्रेकिंग न्यूज़
समाजवादी पार्टी के सांसद डॉक्टर शफीक़ुर रहमान बर्क़ AIMIM मैं हुए शामिल माशाअल्लाह

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इसको सर्च किया। इससे संबंधित हमें कोई भी खबर नहीं मिली और पड़ताल करने पर हमें patrika में 20 जून 2019 को छपी खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, बर्क 2004 में सपा के टिकट पर मुरादाबाद से सांसद बने थे। 2009 का लोकसभा चुनाव उन्होंने बसपा के टिकट पर संभल से लड़ा और जीते। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह सपा में चले गए और संभल से चुनाव लड़े। हालांकि, वह हार गए थे। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले वह ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम में चले गए थे। संभल विधानसभा सीट से उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क को टिकट मिला था, लेकिन वह हार गए थे। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले वह फिर सपा से जुड़ गए और सांसद बने थे।

2 फरवरी 2022 को zeenews में छपी खबर के अनुसार, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं।

14 फरवरी को aajtak में छपे आर्टिकल में लिखा है कि कुंदरकी विधानसभा से जियाउर्रहमान बर्क सपा के टिकट पर मैदान में हैं। वह शफीकुर्रहमान बर्क के पोते हैं।

इस बारे में संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के सोशल मीडिया प्रभारी नूर अहमद का कहना है, यह कभी हो नहीं सकता कि सांसद समाजवादी पार्टी को छोड़ दें। यह सब प्रोपेगेंडा है, जो विरोधी दलों के द्वारा फैलाया जा रहा है।

गलत दावे को पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर ‘हिन्दुस्तान का शेर ओवैसी’ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। वह एक राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हैं।

निष्कर्ष: संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने असदद्दुीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ज्वाइन नहीं की है। वह अब भी सपा से जुड़े हुए हैं। उनके पोते जियाउर्रहमान कुंदरकी विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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