करीब एक साल पहले जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए अनुमति नहीं मिलने पर अखिलेश यादव गेट फांद गए थे। उस वीडियो को अब नवाब सिंह मामले से जोड़कर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह एक गेट को फांदते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनके पीछे अन्य कई लोग भी मौजूद हैं, जिनमें पत्रकार भी शामिल हैं। कुछ यूजर्स वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि पत्रकारों ने जब अखिलेश यादव से नवाब सिंह यादव के बारे में सवाल किया, तो वह गेट पर चढ़कर भाग गए।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वीडियो को झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। दरअसल, पिछले साल अक्टूबर में लखनऊ विकास प्राधिकरण की अनुमित नहीं मिलने पर अखिलेश लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि के लिए गेट फांद गए थे। अब उसी वीडियो को नवाब सिंह मामले से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Krishna Gupta ने 4 सितंबर को वीडियो पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,
“अखिलेश यादव जी के करीबी सपा नेता नवाब सिंह यादव पर रेप का आरोप लगा, आज DNA से पुष्टि भी हो चुकी है।
लेकिन सपा प्रमुख मीडिया से डर कर गेट पर चढ़ गए और भाग निकले।”
वायरल वीडियो की जांच हमने इसका कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस से सर्च किया। समाजवादी पार्टी के एक्स हैंडल से 11 अक्टूबर 2023 को एक वीडियो पोस्ट किया गया है। इसमें वायरल वीडियो के हिस्से को देखा जा सकता है। वीडियो में अखिलेश को जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा को माला पहनाते हुए भी दिखाया गया है।
इससे यह तो साबित हो गया कि यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि करीब एक साल पुराना है।
11 अक्टूबर 2023 को एएनआई के एक्स हैंडल पर वीडियो को पोस्ट करते हुए जानकारी दी गई है कि जयप्रकाश नारायण की जयंती पर एलडीए की मंजूरी नहीं मिलने के बाद अखिलेश जयप्रकाश की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) का गेट लांघ गए।
हिन्दुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर 11 अक्टूबर 2023 को छपी खबर में लिखा है कि लखनऊ में अखिलेश यादव को जब जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने से रोक दिया गया तो वह दीवार पर चढ़ गए। JPNIC का उद्घाटन अखिलेश यादव ने 11 अक्टूबर 2016 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किया था।
2 सितंबर को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, कन्नौज में किशोरी से दुष्कर्म मामले में पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब का डीएनए पीड़िता के सैंपल से मैच हो गया है। फोरेंसिक टीम ने दुष्कर्म की पुष्टि की है।
इस बारे में हमने सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. आशुतोष वर्मा से सपंर्क किया। उनका कहना है कि पिछले साल अक्टूबर में भाजपा की सरकार ने अखिलेश यादव को जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उनको श्रद्धांजलि देने से रोक दिया था। इसके बाद उन्होंने 10 फीट उंचा गेट फांदकर प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की थी। उस वीडियो को अब गलत तरीके से वायरल किया जा रहा है।
वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। कुशीनगर के रहने वाले यूजर के 5 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: करीब एक साल पहले जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए अनुमति नहीं मिलने पर अखिलेश यादव गेट फांद गए थे। उस वीडियो को अब नवाब सिंह मामले से जोड़कर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
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