सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम से मुस्लिमों के लिए वादों का पोस्टर फेक है। यह फेक पोस्टर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भी वायरल हो चुका है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी (सपा) तीसरी बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। नतीजे सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम से एक पोस्टर वायरल हो रहा है। इसमें कथित तौर पर मुस्लिमों के लिए किए गए वादों का जिक्र किया गया है। इसमें लिखा है कि वेस्ट यूपी और पूर्वांचल में दो हजार नई मस्जिदें बनाई जाएंगी और अयोध्या का नाम बदला जाएगा। कुछ यूजर्स इस पोस्टर को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान सपा के आईटी सेल ने यह मैसेज यूपी में मुसलमानों के वॉट्सऐप पर भेजा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल पोस्टर फेक है। सपा की तरफ से भी इस पोस्टर को फेक बताया जा चुका है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भी यह पोस्टर वायरल हुआ था।
फेसबुक यूजर Sand S Knd (आर्काइव लिंक) ने 9 जून को इस पोस्टर को पोस्ट करते हुए लिखा है,
“चुनाव के समय यह व्हाट्सऐप मैसेज समाजवादी पार्टी के आईटी सेल द्वारा यूपी मे मुसलमानों के व्हाट्सऐप पर भेजा जा रहा था,
इस मैसेज को 100 करोड़ हिंदुओं के पास खासकर यूपी के एक-एक हिंदुओं के पास भेजो, अगड़े पिछड़े दलित, हिन्दूओं की कोई भी जाति हो उसको सौ सौ बार भेजो यह मैसेज।
300 यूनिट फ्री बिजली के चक्कर हिंदू बर्बाद हो जाएंगे।“
पोस्टर में लिखा है, “पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल में 2000 नई मस्जिद बनाई जायेगी ,
अयोध्या में बाबरी मस्जिद के लिए 1000 करोड़ रुपये दिए जायेंगे ,
अयोध्या का नाम परिवर्तन किया जाएगा ,
दलितों और पिछड़ों का आरक्षण कम कर के मुसलमानों को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा ,
लव जेहाद कानून को खत्म किया जायेगा ,
यह वादा है मेरा मुसलमानों से – अखिलेश यादव“
एक्स यूजर @Modified_Hindu9 (आर्काइव लिंक) ने भी इस पोस्टर को इसी तरह के दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्टर की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले लोकसभा चुनाव 2024 में जारी किए गए सपा के घोषणापत्र को देखा। सपा की वेबसाइट पर अपलोड घोषणापत्र में वायरल दावों का कोई जिक्र नहीं है। इसमें पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल में 2000 नई मस्जिद बनाने, अयोध्या में बाबरी मस्जिद के लिए 1000 करोड़ रुपये देने और अयोध्या का नाम बदले जाने, दलितों और पिछड़ों का आरक्षण कम करके मुसलमानों को 30 फीसदी आरक्षण दिए जाने और ‘लव जिहाद’ कानून को खत्म किए जाने के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है।
कीवर्ड से गूगल पर सर्च करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।
सर्च में हमें पता चला कि यह पोस्टर पहले भी वायरल हो चुका है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जनवरी 2022 में फेसबुक यूजर Bobby Singh Chauhan ने इस पोस्टर को शेयर (आर्काइव लिंक) किया था।
समाजवादी पार्टी फैक्ट चेक के एक्स हैंडल से 11 जनवरी 2022 को पोस्ट (आर्काइव लिंक) कर इस पोस्टर को फेक बताया गया है। इसमें कहा गया कि भाजपा का आईटी सेल सपा के फेक स्क्रीनशॉट बनाकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अफवाहें फैला रहा है। यह सरासर गलत है।
इससे पहले जब यह पोस्टर वायरल हुआ था, तब विश्वास न्यूज ने सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. आशुतोष वर्मा और लखनऊ में सपा को कवर करने वाले दैनिक जागरण के रिपोर्टर शोभित श्रीवास्तव से बात की थी। डॉ. आशुतोष वर्मा ने इसे फेक बताते हुए इसके पीछे विपक्षी दलों का हाथ बताया था। वहीं, शोभित ने भी वायरल पोस्टर को फेक बताया था।
भारतीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को 240, कांग्रेस को 99 और सपा को 37 सीटें मिली हैं।
फेक पोस्टर शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम से मुस्लिमों के लिए वादों का पोस्टर फेक है। यह फेक पोस्टर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भी वायरल हो चुका है।
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