Fact Check: सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव के नाम से फर्जी पोस्‍टर फिर से वायरल

सोशल मीडिया पर सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव के नाम से किया जा रहा दावा गलत है। वायरल पोस्‍टर फेक है और सपा की तरफ से ऐसा कोई पोस्‍टर जारी नहीं किया गया है। पार्टी की तरफ से इसे फेक बताया गया है।

Fact Check: सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव के नाम से फर्जी पोस्‍टर फिर से वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। उत्‍तर प्रदेश में निकाय चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से पहले सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्‍यक्ष अखिलेश यादव के नाम से एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल में 2000 नई मस्जिदें बनाने, अयोध्‍या का नाम बदलने, दलितों व पिछड़ों का आरक्षण कम करके मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने और लव जिहाद कानून खत्‍म करने का वादा किया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि अखिलेश यादव के नाम से फर्जी दावा वायरल किया जा रहा है। सपा अध्‍यक्ष के नाम से शेयर किया जा रहा यह पोस्‍टर फेक है। पार्टी की तरफ से इस तरह की कोई पोस्‍ट नहीं की गई है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

फेसबुक यूजर ‘मधुसुदन कुमार सिन्‍हा‘ (आर्काइव लिंक) ने 24 अप्रैल को पोस्‍टर शेयर किया है। इसमें लिखा है,

पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल में 2000 नई मस्जिद बनाई जायेगी ,
अयोध्या में बाबरी मस्जिद के लिए 1000 करोड़ रुपये दिए जायेंगे ,
अयोध्या का नाम परिवर्तन किया जाएगा ,
दलितों और पिछड़ों का आरक्षण कम कर के मुसलमानों को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा ,
लव जेहाद कानून को खत्म किया जायेगा ,
यह वादा है मुसलमानों से
,

अखिलेश यादव”


वायरल पोस्‍टर हमें विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर भी चेक करने को मिला।

पड़ताल

अखिलेश यादव के नाम से वायरल पोस्‍टर की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई भी खबर नहीं मिली, जिससे इस दावे की पुष्टि हो सके। अगर सपा अध्‍यक्ष ऐसा कोई वादा या एलान करते तो मीडिया में खबर जरूर आती। खासतौर से यूपी का मीडिया इसे जरूर कवर करता।

इसके बाद हमने सपा के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट को चेक किया, लेकिन हमें ऐसा कोई भी पोस्‍टर या बयान नहीं मिला।

इस बारे में फेसबुक पर कीवर्ड से सर्च करने पर हमें पता चला कि यह पोस्‍ट जनवरी 2022 यानी उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भी वायरल हो चुकी है। उस समय भी कुछ इसे शेयर किया था।

इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने समाजवादी फैक्‍ट चेक अकाउंट पर भी इस बारे में सर्च किया। यह अकाउंट उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले उसके नाम से वायरल पोस्‍ट के बारे में बताने के लिए बनाया गया था। इससे 11 जनवरी 2022 को वायरल पोस्‍टर के बारे में ट्वीट किया गया है। इसमें कहा गया है कि यह स्‍क्रीनशॉट फेक है।

इस बारे में अधिक पुष्टि के लिए हमने सपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता डॉ. आशुतोष वर्मा से बात की। उनका कहना है, “इस तरह की फेक पोस्‍ट विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भी वायरल हो चुकी है। पार्टी की तरफ से इस बारे में ट्वीट भी किया गया था। यह सब विपक्षी दलों के आईटी सेल का काम है।

इससे पहले जनवरी 2022 में भी जब यह पोस्‍टर वायरल हुआ था, तब विश्‍वास न्‍यूज ने इसकी पड़ताल की थी। उस समय हमने लखनऊ में सपा कवर करने वाले दैनिक जागरण के रिपोर्टर शोभित श्रीवास्तव से बात की थी। उन्‍होंने भी इसे फेक बताया था।

पड़ताल के अंत में हमने फेक पोस्‍टर शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘मधुसुदन कुमार सिन्‍हा‘ की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। इसके मुताबिक, वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं। प्रोफाइल में यूजर ने अपनी कोई जानकारी साझा नहीं की है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव के नाम से किया जा रहा दावा गलत है। वायरल पोस्‍टर फेक है और सपा की तरफ से ऐसा कोई पोस्‍टर जारी नहीं किया गया है। पार्टी की तरफ से इसे फेक बताया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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