विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। हालांकि, वीडियो में RSS नामक संगठन द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को दर्शाया गया है, लेकिन यह मोहन भागवत के नेतृत्व वाले RSS की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं है। वीडियो में RSS नाम का एक अलग संगठन दिखाया गया है, जिसका नेतृत्व जनार्दन मून कर रहे हैं। 2017 में स्थापित इस संगठन का मोहन भागवत के नेतृत्व वाले आरएसएस से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें एक व्यक्ति को विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A को समर्थन देने की बात करते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में पीछे लगे पोस्टर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लिखा हुआ भी देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर इस वीडियो को मोहन भागवत के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का समझकर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की जांच की। यह भ्रामक साबित हुआ। हालांकि, वीडियो में RSS नामक संगठन द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को दर्शाया गया है, लेकिन यह मोहन भागवत के नेतृत्व वाले RSS की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं है। वीडियो में RSS नाम का एक अलग संगठन दिखाया गया है, जिसका नेतृत्व जनार्दन मून कर रहे हैं। 2017 में स्थापित इस संगठन का मोहन भागवत के नेतृत्व वाले आरएसएस से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर Pandit Mukesh Sharma ने 28 मार्च को इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की एक क्लिप को अपलोड करते हुए लिखा, “Big News : देशभर में RSS राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दिया INDIA गठबंधन को समर्थन. देशभर के संघियों से INDIA गठबंधन के पक्ष में Vote करने की अपील की। संघ ने भरी हुंकार, उखाड़ फेंको मोदी सरकार।
पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल क्लिप की जांच के लिए सबसे पहले हमने इस क्लिप को गौर से देखा। क्लिप में ऊपर दाहिनी तरफ आवाज इंडिया लिखा देखा जा सकता है। हमने कीवर्ड से सर्च किया तो हमें आवाज़ इंडिया टीवी का यूट्यूब चैनल मिला, जहाँ इस पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो 24 मार्च को अपलोड मिला। वीडियो के टाइटल के अनुसार, जनार्दन मून के नेतृत्व में आरएसएस नामक संगठन द्वारा नागपुर में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को आयोजित किया गया था। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “जो लोग अचंभित हो रहे है की “RSS” ने INDIA गठबंधन को कैसे समर्थन दे दिया। उनके लिए बता दे कि देश में दो RSS हैं। एक Online REGISTERD है, जिसने कांग्रेस को समर्थन दिया हैं और दूसरा UNREGISTERED जिसके सरसंघचालक मोहन भागवत है, कृपया ध्यान रखें भ्रमित न हो जाएं । Nagpur ፤ RSS given unconditional support to INDIA Alliance”
ढूंढ़ने पर हमने पाया कि जनार्दन मून नाम के एक व्यक्ति ने 2017 में इस आरएसएस की स्थापना की थी। उन्होंने शुरुआत में नागपुर चैरिटी कमिश्नर के कार्यालय में इसके पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन आवेदन अस्वीकार कर दिया गया था। बाद में उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में भी याचिका दायर की, जहां भी उनकी अपील खारिज कर दी गई। विशेष रूप से, इस आरएसएस का मोहन भागवत के आरएसएस से कोई संबंध नहीं है।
आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर वीकली ने भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया और इसे “फर्जी” बताया।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना 1925 में के.बी हेडगेवार ने की थी। मोहन मधुकर भागवत 2009 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक हैं।
हमने इस विषय में दिल्ली राज्य आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य राजीव तुली से संपर्क साधा। उन्होंने कन्फर्म किया कि वायरल दावा भ्रामक है और आरएसएस INDI एलायंस का समर्थन नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इस विषय में जनार्दन मून के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराइ गई है।
पड़ताल के अंत में वायरल पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। पता चला कि फेसबुक यूजर पंडित मुकेश शर्मा के लगभग 5 हजार फॉलोअर्स हैं। यूजर दिल्ली के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। हालांकि, वीडियो में RSS नामक संगठन द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को दर्शाया गया है, लेकिन यह मोहन भागवत के नेतृत्व वाले RSS की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं है। वीडियो में RSS नाम का एक अलग संगठन दिखाया गया है, जिसका नेतृत्व जनार्दन मून कर रहे हैं। 2017 में स्थापित इस संगठन का मोहन भागवत के नेतृत्व वाले आरएसएस से कोई संबंध नहीं है।
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