Fact Check: धर्म परिर्वतन को लेकर आरएसएस का फेक लेटर फिर से वायरल

धर्म परिवर्तन को लेकर आरएसएस के नाम से फेक लेटर को शेयर किया गया है। संघ खुद इसको फर्जी बता चुका है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। धर्म परिवर्तन को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नाम से एक कथित लेटर शेयर किया जा रहा है। कुछ यूजर्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं आरएसएस की तरफ से यह लेटर मुस्लिमों के खिलाफ साजिश रचते हुए जारी किया गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल लेटर फेक है। इसे संघ के खिलाफ दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल

विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कुछ यूजर्स ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

इसमें एक्स हैंडल @AsianDigest की पोस्ट का लिंक दिया गया है, जिसे 1 जनवरी 2024 को पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया गया है। इसमें वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया गया है कि आरएसएस ने लेटर जारी कर मुस्लिम युवतियों का धर्म परिवर्तन कराने की बात कही है।

एक अन्य एक्स अकाउंट Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (Parody) (आर्काइव लिंक) से भी इस लेटर को पोस्ट किया गया है। इसमें सबसे उपर “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” लिखा हुआ है।  

https://twitter.com/ShriRamTeerth_/status/1741259001541857625

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। इंडिया टीवी की वेबसाइट पर 11 अप्रैल 2023 को इस बारे में खबर छपी है। इसमें लिखा है, “आरएसएस के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र को संघ ने फर्जी बताया है। विश्व संवाद केंद्र ने ऐसे किसी भी लेटर को फॉरवर्ड नहीं करने की सलाह दी है। बताया गया है कि संघ को बदनाम करने के लिए कुछ अराजक तत्वों ने ऐसा किया है। इसमें आरएसएस के लोगों का इस्तेमाल किया गया है। इससे पहले भी इस तरह की एक चिट्ठी वायरल हुई थी, जिसको लेकर संघ ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी।”

दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर भी 11 अप्रैल 2023 को इस बारे में खबर छपी है। इसमें भी वायरल पत्र को फेक बताया गया है।

विश्व संवाद केंद्र भारत के एक्स हैंडल से 10 अप्रैल 2023 को लेटर (आर्काइव लिंक) को फेक बताया गया था।

राष्ट्रीय स्यवंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख  सुनील आंबेकर ने भी इस पत्र को फेक बताते हुए 11 अप्रैल 2023 को इसे पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया था।

इससे पहले जब यह लेटर वायरल हुआ था, तब विश्वास न्यूज ने संघ के पूर्व प्रांत प्रचार प्रमुख राजीव तुली से बात की थी। उन्होंने बताया था कि संघ की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह के लेटर को वायरल किया गया है। आरएसएस की तरफ से ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया गया है।

फेक लेटर को शेयर करने वाला एक्स यूजर @AsianDigest के 17 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। यूजर एक विशेष विचारधारा से प्रभावित है।

निष्कर्ष: धर्म परिवर्तन को लेकर आरएसएस के नाम से फेक लेटर को शेयर किया गया है। संघ खुद इसको फर्जी बता चुका है।

False
Symbols that define nature of fake news
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