Quick Fact Check : संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नहीं दिया यह बयान, फर्जी पोस्ट फिर हुई वायरल
विश्वास न्यूज की पड़ताल में संघ प्रमुख मोहन भागवत से जुड़ी अखबार की कटिंग फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Aug 3, 2020 at 02:03 PM
- Updated: Aug 14, 2020 at 12:39 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में वायरल एक पोस्ट में कहा जा रहा है कि RSS प्रमुख मोहन भागवत की कोरोना के कारण धर्म में आस्था कम हो गई है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पहले भी जांच की थी और पाया था कि वायरल कटिंग कम्प्यूटर की मदद से बनाई गई है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक से लेकर वॉट्सऐप तक पर अखबार की फर्जी कटिंग घूम रही है। इसमें मोहन भागवत की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए उनके हवाले से एक फर्जी खबर है।
फेसबुक पोस्ट और उसका आर्काइव लिंक यहां देखें।
पड़ताल
हमने वायरल न्यूज कटिंग का एनालिसिस किया था। कई बातें क्लियर हुईं। कटिंग के बाएं तरफ यदि आप ध्यान से देखें तो अखबार की असली कटिंग की खबर के कुछ अक्षर नजर आएंगे, जो कि मोहन भागवत की कथित खबर से एकदम अलग थे, जबकि अखबारों में ऐसा नहीं होता।
पड़ताल के दौरान हमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र कुमार का एक ट्वीट मिला। 19 मई को किए गए इस ट्वीट में उन्होंने बताया कि मोहन भागवत के नाम पर सोशल मीडिया में एक फेक न्यूज चल रही है।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रांत के प्रवक्ता राजीव तुली से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि मोहन भागवत को लेकर कुछ लोग दुष्प्रचार फैला रहे हैं। यह सरासर झूठ है।
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर Akhilesh Barche की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर मध्य प्रदेश के खरगोन में रहते हैं। और फेसबुक पर इनके 2,957 फ्रेंड्स हैं।
पूरी पड़ताल यहाँ पढ़ें।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में संघ प्रमुख मोहन भागवत से जुड़ी अखबार की कटिंग फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
- Claim Review : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की कोरोना के कारण धर्म में आस्था कम हो गई है।
- Claimed By : Akhilesh Barche
- Fact Check : झूठ
पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...