Fact Check: RSS प्रमुख मोहन भागवत के मणिपुर को लेकर दिए गए बयान को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा वायरल

मणिपुर को लेकर दिए गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को तोड़-मरोड़कर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर चिंता जताते हुए उस पर ध्यान देने की बात कही थी।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के नाम से एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि मोहन भागवत ने कहा है कि मणिपुर में 10 साल से शांति थी, लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद वहां हिंसा भड़क गई।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि मोहन भागवत के मणिपुर को लेकर दिए गए बयान को तोड़-मरोड़कर वायरल किया जा रहा है। मोहन भागवत ने अपने बयान में इस समस्या पर ध्यान देने की बात जरूर कही है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Sunil Yadav (आर्काइव लिंक) ने पोस्ट में लिखा,

“10 साल पहले मणिपुर में शान्ति थी मोदी सरकार बनने के बाद वहां अचानक हिंसा बढ़ गई- मोहन भागवत आरएसएस प्रमुख”

साथ में यह भी लिखा है,

“RSS मुखिया अभी तक घोर निद्रा में थे चुनाव परिणाम और राजग की सरकार बनने के बाद मुँह खोले हैं। RSS के अंतिम बादशाह हैं। इनकी खिदमत में NSG पहली बार लगाई गयी है। RSS बड़े बड़े महलों में दफ्तर खोल रहा है। प्राइवेट जहाजों से RSS के लोग चल रहे हैं अब इन्हें गुरुदक्षिणा की जरूरत नहीं रहती। सत्ता का सुख ले रहा है संघ परिवार।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। आरएसएस के एक्स हैंडल पर 10 जून को मोहन भागवत की वीडियो पोस्ट की गई है। इसमें वह कह रहे हैं, “एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है। इससे पहले 10 साल शांत रहा। पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया, ऐसा लगा। और अचानक जो कलह वहां पर उपजा या उपजाया गया, उसकी आग में अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना यह कर्तव्य है।

एएनआई के एक्स हैंडल पर भी 10 जून को नागपुर में हुए कार्यक्रम की वीडियो पोस्ट की गई है। इसमें भी मोहन भागवत के बयान को सुना जा सकता है। इसमें वह कहीं भी मोदी सरकार का नाम लेते नहीं दिख रहे हैं।

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 10 जून को छपी खबर में इससे संबंधित बयान को पढ़ा जा सकता है। उन्होंने डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर में आयोजित ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय’ के समापन कार्यक्रम में यह बयान दिया था। खबर में यह भी लिखा है कि पिछले साल मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में अब तक करीब 200 लोगों की जान जा चुकी हैं  

इस बारे में संघ के पूर्व प्रांत प्रचारक राजीव तुली का कहना है, “वायरल दावा गलत है। उन्होंने कहा था कि नौ-दस साल से वहां शांति थी, लेकिन पिछले एक साल से वहां हिंसा हो रही है।

भ्रामक दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के करीब 5 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: मणिपुर को लेकर दिए गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को तोड़-मरोड़कर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर चिंता जताते हुए उस पर ध्यान देने की बात कही थी।

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