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Fact Check : संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नहीं दिया ऐसा कोई बयान, वायरल पोस्‍ट फर्जी है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में संघ प्रमुख मोहन भागवत से जुड़ी अखबार की कटिंग फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि उन्‍होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया में वायरल एक पोस्‍ट में कहा जा रहा है कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की कोरोना के कारण धर्म में आस्‍था कम हो गई है। अखबार की फर्जी कटिंग के सहारे संघ प्रमुख को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। विश्वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की। वायरल कटिंग को ध्‍यान से देखने पर ही साफ समझ में आ रहा है कि यह कटिंग कम्‍प्‍यूटर की मदद से बनाई गई है। इसके अलावा संघ के अधिकारियों ने भी इसके फर्जी होने की पुष्टि की।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक से लेकर वॉट्सऐप तक पर अखबार की फर्जी कटिंग घूम रही है। इसमें मोहन भागवत की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए उनके हवाले से एक फर्जी खबर है।

एक ऐसी ही कटिंग को अपलोड करते हुए फेसबुक यूजर देवेंद्र सुर्जन ने 19 मई को अपलोड करते हुए लिखा : खत्म हो गई आस्था : भागवत का हुआ हृदय परिवर्तन।

कई वॉट्सऐप ग्रुप में संघ के प्रमुख मोहन भागवत के कथित बयान वाले समाचार की एक कटिंग लगातार लोग फॉरवर्ड कर रहे हैं।

फेसबुक पोस्ट और उसका आर्काइव लिंक यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल समाचार के आधार पर गूगल में सर्च किया। हमें मोहन भागवत से जुड़ी एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो उनके नाम पर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।

इसके बाद हमने वायरल न्‍यूज कटिंग का एनालिसिस किया। कई बातें क्लियर हुईं। कटिंग के बाएं तरफ यदि आप ध्‍यान से देखें तो अखबार की असली कटिंग की खबर के कुछ अक्षर नजर आएंगे, जो कि मोहन भागवत की कथित खबर से एकदम अलग हैं, जबकि अखबारों में ऐसा नहीं होता।

इसी तरह संघ से जुड़ी इस कथित खबर की हेडिंग का फ्रंट अलग-सा है। इसके अलावा इसमें गैप काफी ज्‍यादा है। अखबारों में इस तरह गैप नहीं दिया जाता है।

इसके अलावा यदि आप मोहन भागवत की तस्‍वीर को ध्‍यान से देखें, तो साफ पता चल जाएगा कि इनकी तस्‍वीर अलग से चिपकाई गई है। अब आते हैं कि वायरल खबर के कंटेंट पर। खबर लिखने की यह शैली अखबारों में इस्‍तेमाल नहीं होती, क्‍योंकि यदि यह मोहन भागवत का बयान होता तो कहीं न कहीं खबर के अंदर उनका जिक्र होता, लेकिन ऐसा नहीं है।

पड़ताल के दौरान हमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र कुमार का एक ट्वीट मिला। 19 मई को किए गए इस ट्वीट में उन्‍होंने बताया कि मोहन भागवत के नाम पर सोशल मीडिया में एक फेक न्यूज चल रही है। उन्‍होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। यह समाज तोड़ने वाली शक्तियों का अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समाज में अनास्था, अराजकता और समाज विघटन के प्रयास का एक षड्यंत्र है। पूरा ट्वीट आप यहां देख सकते हैं।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रांत के प्रवक्ता राजीव तुली से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि मोहन भागवत को लेकर कुछ लोग दुष्‍प्रचार फैला रहे हैं। संघ का हर कार्यकर्ता इनके बारे में जानता है। यह सरासर झूठ है।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर देवेंद्र सुर्जन मध्‍य प्रदेश के जबलपुर में रहते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में संघ प्रमुख मोहन भागवत से जुड़ी अखबार की कटिंग फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि उन्‍होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

  • Claim Review : दावा किया जा रहा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह बयान दिया
  • Claimed By : फेसबुक यूजर देवेंद्र सुर्जन
  • Fact Check : झूठ
झूठ
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