Fact Check: RSS प्रमुख मोहन भागवत के नाम से मुसलमानों और आरक्षण को लेकर वायरल बयान फेक है

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुसलमानों और आरक्षण को लेकर इस तरह का कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया है।

Fact Check: RSS प्रमुख मोहन भागवत के नाम से मुसलमानों और आरक्षण को लेकर वायरल बयान फेक है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नाम से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें मोहन भागवत की तस्वीर के साथ में दावा किया जा रहा है कि संघ प्रमुख ने मुस्लिमों और आरक्षण को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि मोहन भागवत ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। आरएसएस के खिलाफ दुष्‍प्रचार के मकसद से सोशल मीडिया पर इस तरह की फेक पोस्ट वायरल की जा रही है।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया। पोस्ट में एक किताब के पेज पर मोहन भागवत की तस्वीर के साथ में लिखा है,

“पहले इस देश से मुसलमानों को खत्म करना है फिर दलितों (sc st obc) का आरक्षण खत्म करना है फिर सिर पर बैठे हुए ये लोग सविधान की वजह से
एक हो जाओ। जय मनुवाद। जय परशुराम- Rss Chief (मोहन भागवत)”

फेसबुक यूजर Gautam Bharati (आर्काइव लिंक) ने भी 28 जनवरी को इस पोस्ट को शेयर किया है।

पड़ताल

संघ प्रमुख के बारे में वायरल पोस्ट की जांच के लिए हमने सबसे पहले इसे ध्यान से देखा। इसमें वाक्य अधूरा होने के साथ-साथ पूर्ण विराम और कॉमा गायब हैं। वाक्य में कुछ गलती भी हैं। जैसे- संविधान की जगह सविधान लिखा है। इससे हमें वायरल पोस्ट संदिग्ध लगी।

इस बारे में कीवर्ड से गूगल पर सर्च करने पर हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।

26 सितंबर 2023 को एबीपी लाइव की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है, “आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लखनऊ में संघ की बैठक में कहा है कि मुसलमान भी हमारे हैं, वो हमसे अलग नहीं हैं। बस उनकी पूजा-पद्धति बदल गई है। यह देश उनका भी है, वह भी यहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि संघ पूरे समाज को संगठित करना चाहता है। कोई पराया नहीं है। आज हमारा विरोध करने वाले भी हमारे हैं।”

11 जनवरी 2023 को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, “मोहन भागवत ने कहा है कि भारत में मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।”

19 अगस्त 2019 को आरएसएस के एक्स हैंडल से की गई पोस्ट (आर्काइव लिंक) में लिखा है कि संघ एससी-एसटी, ओबीसी और आर्थिक आधार पर पिछड़ों के आरक्षण का पूरा समर्थन करता है।

6 सितंबर 2023 को एएनआई के एक्स हैंडल पर मोहन भागवत के बारे में वीडियो न्यूज पोस्ट (आर्काइव लिंक) की गई है। इसमें मोहन भागवत संविधान के तहत दिए गए आरक्षण का समर्थन करते दिख रहे हैं।

इस बारे में हमने आरएसएस के पूर्व प्रांत प्रचार प्रमुख और संघ के जानकार राजीव तुली से बात की। उनका कहना है, “यह फर्जी है। चुनाव का वर्ष है, ऐसा कुछ ना कुछ निकलता रहेगा। संघ सेवा संगठन के जरिए दिन-रात सेवा बस्तियों में कार्य करता है। संघ में मलिन बस्तियों, हरिजन बस्तियों को सेवा बस्ती का नाम दिया गया है।

इससे पहले अगस्त 2020 में भी यह पोस्ट वायरल हो चुकी है, तब विश्‍वास न्‍यूज ने आरएएस के तत्कालीन प्रचारक नरेंद्र कुमार से संपर्क किया था। उन्होंने इस दावे को फर्जी बताया था और कहा था कि आरएसएस प्रमुख ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

गलत दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके अनुसार, एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुसलमानों और आरक्षण को लेकर इस तरह का कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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