Fact Check : RSS प्रमुख मोहन भागवत ने नहीं दिया विपक्षी नेताओं, आरक्षण व कश्‍मीर को लेकर यह बयान, फर्जी पोस्‍ट वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में संघ प्रमुख मोहन भागवत के नाम पर वायरल बयान फर्जी निकला।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉक्‍टर मोहन भागवत का एक फर्जी बयान सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। कहा जा रहा है कि मोहन भागवत ने इस कथित बयान में विपक्षी नेताओं के साथ आरक्षण और कश्‍मीर के इश्‍यू पर बोला है।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि डॉक्‍टर मोहन भागवत के नाम पर वायरल बयान फर्जी है। उन्‍होंने ऐसा कोई भी बयान कभी नहीं दिया। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर धर्मेंद्र कुमार सिंह ने ‘‎हिंदू साम्राज्य ग्रुप में अपने सभी हिंदू भाइयों को जोड़े’ नाम के ग्रुप में 15 जून का एक पोस्‍ट अपलोड करते हुए लिखा : ‘संघ शक्ति, राष्ट्र शक्ति’

पोस्‍ट के अंदर मोहन भागवत की एक तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए लिखा गया : ‘कुछ लोग कहते है सरकार RSS चला रही है, अरे मुर्खें जिस RSS सरकार चलाईगी उस दिन ओविसी, नीतिश, राहुल दिगविजय सिंह, ममता बेनर्जी, अखलेश, आजम खॉं, हार्दीक, कन्‍हया-आरक्षण नही संरक्षण मागेंगे और पाकिस्‍तानि हमसे काश्‍मीर नही इस्‍लामाबाद मागेंगे…क्‍या मोहन भागवत का बयान आप सही मानते है।’

पड़ताल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत के कथित बयान की जांच के लिए हमने सबसे पहले गूगल सर्च का सहारा लिया। गूगल के ओपन सर्च में कथित बयान से कीवर्ड टाइप करके सर्च किया। हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल पोस्‍ट के बयान की पुष्टि करती हो। मतलब साफ था कि मोहन भागवत के नाम पर वायरल पोस्‍ट झूठी है।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए संघ से संपर्क किया। संघ के अखिल भारतीय सहप्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने Vishvas News को बताया, ‘वायरल मैसेज फर्जी है। संघ प्रमुख के साथ संगठन का कोई भी शख्‍स ऐसी भाषा का इस्‍तेमाल नहीं करता।’

अंत में हमने मोहन भागवत के नाम पर फर्जी बयान को वायरल करने वाले शख्‍स की जांच की। हमें सोशल स्‍कैनिंग से पता चला कि यूजर धर्मेंद्र कुमार सिंह यूपी के वाराणसी के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में संघ प्रमुख मोहन भागवत के नाम पर वायरल बयान फर्जी निकला।

False
Symbols that define nature of fake news
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