Fact Check: पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुल्क में हुआ इजाफा, खुदरा कीमतों में प्रति लीटर 10 और 13 रुपये की बढ़ोतरी का दावा गलत
पेट्रोल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 13 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में क्रमश: 10 रुपये और 13 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की है और इस बढ़ोत्तरी का पूरा भार तेल विपणन कंपनियां उठाएंगी। उत्पाद शुल्क में हुई इस बढ़ोत्तरी से तेल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: May 7, 2020 at 02:08 PM
- Updated: May 7, 2020 at 02:14 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बीच केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल पर 10 रुपया प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपया प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 10 रुपये और 13 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी कर दी है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल और डीजल पर बढ़ाए गए उत्पाद शुल्क का बोझ आम उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया है, बल्कि इसका बोझ तेल विपणन कंपनियों (OMC) पर डाला गया है। केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क में इजाफे की वजह से खुदरा कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पेज ‘भारत का चिकारा’ ने वायरल ग्राफिक्स को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”जनता से लूटमित्रो की छूट।” पोस्ट में दावा किया गया है कि ”संकट के समय में मोदी सरकार जनता की जेब काट रही है।”
पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 300 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का लाभ उठाने के लिए केंद्र सरकार ने 5 मई को पेट्रोल पर प्रति लीटर 10 रुपया और डीजल पर प्रति लीटर 13 रुपया उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने की घोषणा की। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक, कीमतों में किया गया यह बदलाव 6 मई से प्रभावी हो चुका है।
एजेंसी की तरफ से दी गई जानकारी में यह साफ-साफ बताया गया है कि उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोत्तरी का पूरा भार तेल विपणन कंपनियां (OMC) उठाएंगी और इससे तेल की खुदरा कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी।
यानी केंद्र सरकार ने जो उत्पाद शुल्क में इजाफा किया, उसका भुगतान तेल कंपनियां करेंगी। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में 6 मई को न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से छपी रिपोर्ट के मुताबिक, उत्पाद शुल्क में हुई बढ़ोत्तरी से सरकार को वित्त वर्ष 2020-21 में 1.6 रुपये की कमाई होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की तरफ से उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोत्तरी के बाद भी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत (71.26 रुपये प्रति लीटर) और डीजल (69.39 रुपये प्रति लीटर) में कोई बदलाव नहीं होगा। दो महीनों के भीतर सरकार की तरफ से उत्पाद शुल्क में की गई दूसरी बढ़ोत्तरी है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक दिल्ली में 7 मई को पेट्रोल की खुदरा कीमत प्रति लीटर 71.26 रुपये ही है।
विश्वास न्यूज ने इसे लेकर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) की प्रवक्ता से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोत्तरी के फैसले से खुदरा कीमतों पर कोई असर नहीं होगा। इस बढ़ोत्तरी का पूरा भार तेल विपणन कंपनियां उठाएंगी।’
‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, तेल विपणन कंपनियों पर पड़ने वाले इस बोझ की वजह से 6 मई को इन कंपनियों (IOC,BPCL और HPCL) के शेयर 13 फीसदी तक टूट गए। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सरकार के इस फैसले से OMC की मार्जिन में कमी आएगी, जो पहले से ही मांग में कमी का सामना कर रही हैं।’ 7 मई को भी इन कंपनियों के शेयर दबाव में ट्रेड कर रहे हैं। बीएसई में इन कंपनियों के शेयरों को लाल निशान में कारोबार करते हुए देखा जा सकता है।
इस बीच हालांकि कुछ राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट यानी वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) को बढ़ाया है। ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘गुरुवार (7 मई) को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ा दिया। इससे यूपी में पेट्रोल करीब 2 रुपये और डीजल करीब 1 रुपये महंगा हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार से पहले असम, नागालैंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और हरियाणा सरकार ने भी वैट में इजाफा किया है।’
कीमतों में हुई यह बढ़ोतरी केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क को बढ़ाए जाने से नहीं हुई है बल्कि वैट में इजाफे की वजह से हुई है।
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज को करीब दस हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: पेट्रोल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 13 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में क्रमश: 10 रुपये और 13 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की है और इस बढ़ोत्तरी का पूरा भार तेल विपणन कंपनियां उठाएंगी। उत्पाद शुल्क में हुई इस बढ़ोत्तरी से तेल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- Claim Review : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 और 13 रुपये प्रति लीटर का इजाफा
- Claimed By : FB User-भारत का चिकारा
- Fact Check : झूठ
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