Fact Check : संविधान में संशोधन को लेकर रंजन गोगोई ने नहीं किया यह ट्वीट
विश्वास न्यूज की पड़ताल में राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई के नाम से वायरल ट्वीट फर्जी साबित हुआ।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Jun 15, 2021 at 06:15 PM
- Updated: Jun 15, 2021 at 06:23 PM
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। चीफ जस्टिस पद से रिटायर और अब राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई के नाम से सोशल मीडिया में एक फर्जी ट्वीट वायरल हो रहा है। इस कथित ट्वीट को वायरल करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि रंजन गोगोई ने संविधान के कुछ अनुच्छेदों को संशोधन की मांग की है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर बिरमा राम जाट ने 15 जून को श्री श्याम प्रेम मंडल नाम के एक ग्रुप में रजन गोगोई के नाम से वायरल फेक ट्वीट को पोस्ट किया। इसमें लिखा था कि ”मुस्लिम”, ”बौद्ध” और ”ईसाई” अपने अपने ”त्योहार” कैसे मानाएंगे? यह उनके समाज के लोग तय करेंगे, लेकिन हिन्दू अपने ”त्योहार” कैसे मनाएंगे? यह भारत का कोर्ट तय करेगा! भारतीय संविधान के भेदभाव मूलक अनुच्छेद 25, 26, 27, 28, 29, 30 और 31 में अब संशोधन किया जाना चाहिए।’
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले रंजन गोगोई के कथित ट्वीट की सच्चाई जानने के लिए गूगल सर्च की मदद ली। हमें एक भी एक खबर नहीं मिली, जबकि यदि रंजन गोगोई ने ऐसा बोला होता जरूर खबर बनती। जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने वायरल ट्वीट में दिख रहे हैंडल @RanjanGogoii को खोजना शुरू किया। हमें ट्विटर पर इस नाम से कोई अकाउंट नहीं मिला।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण की विशेष संवाददाता माला दीक्षित से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह रंजन गोगोई का फर्जी अकाउंट है।
अब बारी थी फर्जी पोस्ट को करने वाले यूजर की जांच करने की। सोशल स्कैनिंग में हमें पता चला कि फेसबुक यूजर बिरमा राम जाट राजस्थान के डीडवाना का रहने वाला है। इससे ज्यादा जानकारी हमें इस अकाउंट पर नहीं मिली।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई के नाम से वायरल ट्वीट फर्जी साबित हुआ।
- Claim Review : रंजन गोगोई का ट्वीट
- Claimed By : फेसबुक यूजर BirmaRam Jat
- Fact Check : झूठ
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