Fact Check : राजनाथ सिंह का 2015 का पुराना वीडियो अब झूठे दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। राजनाथ सिंह के 2015 के पुराने वीडियो को अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें उन्‍हें किसानों के हितों के बारे में बोलते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि राजनाथ सिंह कृषि बिलों के विरोध में उतर आए हैं। जिसके कारण केंद्र सरकार को तगड़ा झटका लगा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। राजनाथ सिंह के 2015 के एक पुराने वीडियो को अब जानबूझकर फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर जैताराम गोदारा ने 1 मार्च को राजनाथ सिंह का एक पुराना वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ‘राजनाथ सिंह उतरे कृषी बिलो के विरोध मे किसानो के सम्मान मे केन्द्र सरकार को तगङा झटका’

फेसबुक पोस्‍ट के दावे को ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। दूसरे यूजर्स भी इसे सच मानकर सोशल मीडिया के दूसरे प्‍लेटफार्म पर वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले पहले राजनाथ सिंह के दस मिनट के वायरल वीडियो को पूरा देखा। इस वीडियो को देखने से एक बात तो साफ समझ में आ गई कि राजनाथ सिंह किसान नेता महेंद्र सिंह की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने यूट्यूब पर कार्यक्रम से जुड़े वीडियो को खोजना शुरू किया। अलग-अलग कीवर्ड से सर्च करने पर हमें भाजपा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर ओरिजनल वीडियो मिला। 18:44 मिनट के इस ओरिजनल वीडियो में 5:46 मिनट के बाद के हिस्‍से को काटकर अब वायरल किया जा रहा है।

ओरिजनल वीडियो को 6 अक्‍टूबर 2015 को अपलोड‍ किया गया। इसमें बताया गया कि दिल्‍ली में हुए महेंद्र सिंह टिकैत के बर्थ एनिवर्सरी से जुड़े एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह पहुंचे थे। वहीं, उन्‍होंने यह बात कही थी।

वायरल वीडियो को लेकर विश्‍वास न्‍यूज ने यूपी भाजपा के प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि पार्टी के वरिष्‍ठ नेता राजनाथ सिंह का यह वीडियो पुराना है। इसे जानबूझकर कुछ लोग फेक दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

अब बारी थी फेसबुक यूजर जैताराम गोदारा के अकाउंट की जांच करने की, क्‍योंकि इसी यूजर ने राजनाथ सिंह के पुराने वीडियो को अब झूठे दावे के साथ वायरल किया। हमें पता चला कि यूजर को 13 सौ लोग फॉलो करते हैं। इससे ज्‍यादा जानकारी हमें इस अकाउंट के बारे में नहीं मिल पाई।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। राजनाथ सिंह के 2015 के पुराने वीडियो को अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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