Fact Check : राजनाथ सिंह की 2016 की तस्वीर को अब वायरल करके फैलाया गया भ्रम

2016 की तस्‍वीर को कुछ लोग अब लोकसभा चुनाव 2024 के बीच वायरल करके भ्रम फैला रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की एक तस्‍वीर शेयर की जा रही है। इसमें उन्‍हें एक इफ्तार पार्टी में देखा जा सकता है। इस तस्‍वीर को अभी की बताकर कई सोशल मीडिया यूजर्स वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। हमारी जांच में वायरल तस्‍वीर काफी पुरानी साबित हुई। 2016 की तस्‍वीर को कुछ लोग अब लोकसभा चुनाव 2024 के बीच वायरल करके भ्रम फैला रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर मनोज सुमन ने 6 अप्रैल को एक तस्‍वीर को शेयर करते हुए लिखा, “इधर राजनाथ सिंह जी इफ्तार पार्टी के मजे लूट रहे है, उधर BJP IT Cell वाले बेचारे हिंदू मुस्लिम करने में लगे पड़े है।”

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की वायरल तस्‍वीर का सच पता लगाने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल का इस्‍तेमाल किया। गूगल लेंस पर इस तस्‍वीर को सर्च करने पर वायरल तस्‍वीर हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर पुरानी तारीख में अपलोड मिली। 20 जून 2016 को पोस्‍ट करते हुए बताया गया कि राजनाथ सिंह लखनऊ के दिलकुशा गार्डेन स्थित दरगाह हजरत कासिम शहीद पर आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुए।

इससे मिलती-जुलती तस्‍वीरें हमें एएनआई यूपी-उत्तराखंड के एक्‍स हैंडल पर भी मिली। इसे 20 जून 2016 को पोस्‍ट की गई थीं। इसमें भी तस्‍वीर को लखनऊ की बताया गया।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए भाजपा, यूपी के प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्‍वीर को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीर 2016 की है। उस वक्‍त राजनाथ सिंह लखनऊ स्थित दरगाह हजरत कासिम शहीद पर आयोजित हुई रोज़ा इफ्तार पार्टी में गए थे।

पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि यूजर को 4.8 हजार लोग फॉलो करते हैं। इससे ज्‍यादा जानकारी इस अकाउंट से नहीं मिली।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की 2016 की तस्‍वीर को कुछ लोग अब वायरल करके भ्रम पैदा कर रहे हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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