Fact Check: इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर राहुल गांधी का वायरल वीडियो आधा-अधूरा है

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक निकली। राहुल गांधी भारत के भौतिक बुनियादी ढांचे की बात नहीं कर रहे थे, बल्कि संस्थानों पर राजनीतिक दल के कथित नियंत्रण की बात कर रहे थे।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राहुल गांधी के भाषण का एक छोटा-सा हिस्सा वायरल हो रहा है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अपने भाषण में कहा कि वे भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ हैं।

हमने इस दावे जांच की और पाया कि यह दावा भ्रामक है। राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जो अंश वायरल हो रहा है, वह पूरा नहीं है। 5 अगस्त 2022 को दिए गए राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस को सुनने पर पता चलता है कि वे कह रहे थे कि भारत के सभी बड़े संस्थानों में आरएसएस के लोग हैं और उनकी पार्टी इसके खिलाफ है। वे भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात नहीं कर रहे थे।

क्या है वायरल?

फेसबुक पेज ‘श्रीराम सेवा नवजीवन’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को 2 नवंबर को शेयर करते हुए लिखा है, ”आखिर सच जबान पर आ ही गया: हम एक राजनीतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे, हम हिंदुस्तान के इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ लड़ रहे हैं : राहुल गांधी”

16 सेकेंड के वायरल वीडियो में राहुल गांधी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “हम एक राजनीतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हैं, हम हिंदुस्तान के पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ लड़ रहे हैं।”

पड़ताल

इस पोस्ट की जांच करने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में हमें इंडियन नेशनल कांग्रेस के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 5 अगस्त 2022 को हुए इस कार्यक्रम का पूरा वीडियो मिला। 30 मिनट के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो में 12 मिनट के बाद एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी कहते हैं, ”किसी लोकतंत्र में जब विपक्ष लड़ता है तो वो इंस्टीट्यूशंस के बल पर लड़ता है। जो देश का लीगल, ज्यूडिशियल स्ट्रक्चर होता है, जो देश का इलेक्टोरल स्ट्रक्चर होता है, जो देश की मीडिया होती है उसके बल पर विपक्ष खड़ा होता है। वो सब जो इंस्टीट्यूशंस हैं, वो सब के सब सरकार को पूरा सपोर्ट दे रहे हैं, क्योंकि सरकार ने अपने लोग इंस्टीट्यूशंस में बिठाए हुए हैं। हिंदुस्तान का आज हर इंस्टीट्यूशन आजाद नहीं है। हिंदुस्तान का हर इंस्टीट्यूशन आज आरएसएस के कंट्रोल में है। आरएसएस का एक व्यक्ति हर इंस्टीट्यूशन में बैठा है। हम एक राजनीतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे हैं। हम हिंदुस्तान के पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ लड़ रहे हैं। जब हमारी सरकार होती थी, इन्फ्रास्ट्रक्चर न्यूट्रल रहता था। हम इन्फ्रास्ट्रक्चर को कंट्रोल नहीं करते थे। दो राजनीतिक पार्टियों, तीन पार्टियों की लड़ाई होती थी। आज इन्फ्रास्ट्रक्चर सरकार का पूरा का पूरा एक पार्टी के साथ है।”

इस पूरे भाषण को सुनने पर पता चलता है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के राहुल गाँधी का मतलब बुनियादी ढांचा नहीं था, बल्कि संस्थानों में बैठे लोग थे।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर एक खबर हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर भी 5 अगस्त 2022 को पब्लिश मिली। खबर महंगाई पर कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर थी।

हमने इस विषय में कांग्रेस पार्टी के मीडिया इंचार्ज प्रणव झा से बात की। उन्होंने कन्फर्म किया कि वीडियो एडिटेड है।

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक पेज ‘श्रीराम सेवा नवजीवन’ को करीब 21 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक निकली। राहुल गांधी भारत के भौतिक बुनियादी ढांचे की बात नहीं कर रहे थे, बल्कि संस्थानों पर राजनीतिक दल के कथित नियंत्रण की बात कर रहे थे।

False
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