विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के कुछ प्लेटफॉर्म पर राहुल गांधी की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्हें ‘सत्याग्रह’ का अर्थ ही नहीं पता है। वीडियो में उन्हें महात्मा गांधी के सत्याग्रह के अर्थ को समझाते हुए यह कहते हुए सुना जा सकता है कि महात्मा गांधी सत्याग्रह की बात करते थे। सत्याग्रह का मतलब सत्ता के रास्ते को कभी नहीं छोड़ो। सॉरी सत्य के रास्ते को कभी मत छोड़ो।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। राहुल गांधी की वीडियो क्लिप से छेड़छाड़ करके इसे गलत दावे के साथ जाबूझकर वायरल किया जा रहा है। जांच में पता चला कि वायरल क्लिप को संदर्भ से अलग कर साझा किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर संदीप शिंदे ने 29 फरवरी को एक वीडियो क्लिप को अपलोड करते हुए लिखा, “सत्य ग्रह का मतलब : सत्ता के रास्ते को कभी मत छोडो।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी इस वीडियो की जांच की थी। दरअसल राहुल गांधी से जुड़ी वीडियो क्लिप ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के समय की है। वीडियो क्लिप के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया। कीवर्ड के माध्यम से संबंधित खबरों को खोजना शुरू किया। टीवी9 हिंदी डॉटकॉम पर पब्लिश एक खबर में वायरल क्लिप से जुड़े भाषण के बारे में पता चला।
27 फरवरी 2023 को पब्लिश इस खबर में बताया गया, “दरअसल, राहुल महात्मा गांधी के सत्याग्रह की बात बता रहे थे। इस दौरान वो कहते हैं कि सत्याग्रह का मतलब होता है कि सत्ता का रास्ता कभी मत छोड़ो। हालांकि, तुरंत उन्होंने अपने वाक्य को सुधार लिया. उन्होंने कहा कि सत्याग्रह का मतलब सत्य के रास्ते में चलना होता है। सत्य के लिए हठ करना।” पूरी खबर यहां (आर्काइव) पढ़ी जा सकती है।
इस खबर से यह तो स्पष्ट हो गया कि राहुल गांधी की वायरल क्लिप फरवरी 2023 की है। उस वक्त कांग्रेस अधिवेशन में उनकी जुबान जरूर फिसली थी, लेकिन उन्होंने इसे तुरंत सही कर लिया था।
सर्च के दौरान हमें पूरा वीडियो (आर्काइव) राहुल गांधी के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो में 38.06 मिनट के फ्रेम को देखने और सुनने से वायरल वीडियो क्लिप का संदर्भ स्पष्ट हो जाता है। इसमें देखा जा सकता है कि राहुल गांधी ने गलती से सत्य की जगह सत्ता बोल दिया था। कुछ ही सेकंड में उन्होंने अपनी गलती सही कर ली थी। राहुल गांधी यह भाषण रायपुर में दे रहे थे।
विश्वास न्यूज ने पिछली पड़ताल के दौरान उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क किया था, जिन्होंने वायरल वीडियो क्लिप को एडिटेड और राहुल गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार करार दिया था।
पिछली पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के अंत में हमने गलत संदर्भ के साथ राहुल गांधी की क्लिप को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। इस अकाउंट पर हमें कोई खास जानकारी नहीं मिली। बस इतना पता चला कि यूजर के 148 फेसबुक फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि राहुल गांधी की वायरल क्लिप को गलत संदर्भ के साथ वायरल करके उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। रायपुर के भाषण में उनकी जुबान जरूर फिसली थी, लेकिन उन्होंने अगले पल ही इसे सुधार लिया था। अब एक बार फिर से कुछ लोग उस वीडियो क्लिप को गलत संदर्भ के साथ शेयर करके राहुल गांधी का मजाक उड़ा रहे हैं।
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