Fact Check : लंदन में बसने की बात राहुल गांधी अपने लिए नहीं, नीरव मोदी-मेहुल चोकसी के लिए कह रहे थे

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। राहुल गांधी खुद के लिए लंदन बसने की बात नहीं कर रहे थे। वे नीरव मोदी और मेहुल चौकसे जैसे भगोड़े कारोबारियों का हवाला दे रहे थे। ओरिजनल वीडियो को बीच से काटकर गलत संदर्भ के साथ वायरल किया गया।

नई दिल्‍ली (Vishvas)। सोशल मीडिया में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें राहुल गांधी लंदन में बसने की बात कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत निकला है। अक्‍टूबर 2019 में राहुल गांधी की रैली के एक वीडियो को बीच से काटकर गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। राहुल गांधी लंदन में बसने की बात खुद के लिए नहीं, बल्कि भगोड़े कारोबारियों के लिए कर रहे थे।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर महेश देवानी ने 24 जनवरी को राहुल गांधी का एक एडिटेड वीडियो अपलोड करते हुए लिखा : ‘अब बनाओ इस पप्पू को प्रधान मंत्री खुल्लमखुल्ला बोल रहा है ये झोपड़ीवाला इसको हिन्दुस्तान से कोई लेना-देना नहीं है वो अपने बच्चों को लेके लंदन चला जाएगा!’

इस फेसबुक पोस्‍ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो से कुछ कीवर्ड निकाले। इसके बाद इसे यूट्यूब पर सर्च करना शुरू किया। Rahul Gandhi + London जैसे कीवर्ड से हमें कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर राहुल गांधी का एक वीडियो मिला।

13 अक्‍टूबर 2019 को अपलोड यह वीडियो महाराष्‍ट्र चुनाव 2019 से जुड़ा हुआ था। राहुल गांधी लातूर में एक रैली को संबोधित करते दिखे। इस वीडियो में 15:10 मिनट से लेकर 15:40 मिनट की अवधि में साफ सुना जा सकता है कि राहुल गांधी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के लिए बोल रहे थे। पूरा वीडियो यहां देखें।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने कांग्रेस कम्‍युनिकेशन प्रमुख प्रणव झा से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो 13 अक्टूबर 2019 का है। उस वक्‍त राहुल गांधी महाराष्ट्र चुनाव में लातूर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। वीडियो में राहुल गांधी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के बारे में कह रहे थे।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच करने की। हमें पता चला कि महेश देवानी गुजरात के सूरत में रहते हैं। एक राजनीतिक दल से जुड़े इस यूजर के अकाउंट पर हमें एक पार्टी विशेष से जुड़ी पोस्‍ट ज्‍यादा दिखी।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। राहुल गांधी खुद के लिए लंदन बसने की बात नहीं कर रहे थे। वे नीरव मोदी और मेहुल चौकसे जैसे भगोड़े कारोबारियों का हवाला दे रहे थे। ओरिजनल वीडियो को बीच से काटकर गलत संदर्भ के साथ वायरल किया गया।

False
Symbols that define nature of fake news
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