विश्वास न्यूज की पड़ताल में राहुल गांधी के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। राहुल गांधी कन्नड़ का अखबार नहीं, अंग्रेजी का अखबार पढ़ रहे थे।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें उन्हें एक अखबार पढ़ते हुए देखा जा सकता है कि यूजर्स दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी कन्नड़ भाषा का अखबार पढ़ रहे थे, जबकि हिंदी भी ठीक से नहीं आती है।
विश्वास न्यूज 22 जुलाई 2019 को भी एक ऐसी ही वायरल पोस्ट की पड़ताल कर चुका है। दरअसल राहुल गांधी अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड पढ़ रहे थे। इसके पहले और आखिरी पेज पर कन्नड़ में विज्ञापन छपा था। हमारी जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
फेसबुक यूजर विपिन पांडेय ने 9 मार्च को राहुल गांधी की एक तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा : ‘अब देखो लपड़झंडुस कौन सा अखबार पढ़ रहा है,, कन्नड भाषा का अखबार है ये, मानना पड़ेगा बंदा मनोरंजन में कोई कमी नहीं छोड़ता,,जिसको हिंदी ठीक से नहीं आती, वो कन्नड अखबार पढ़ रहा है। गजबे है’
फेसबुक पोस्ट को ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इस पोस्ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से हमें ओरिजनल तस्वीर फाइनेंशियल एक्सप्रेस की वेबसाइट पर पब्लिश एक खबर में मिली। 12 जून 2017 को पब्लिश इस खबर में तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया कि बेंगलुरु में नेशनल हेराल्ड के स्मारक संस्करण के शुभारंभ पर राहुल गांधी। यह आप यहां देख सकते हैं।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए नेशनल हेराल्ड के ईपेपर को भी खंगाला। हमें 12 जून 2017 के ईपेपर में वही संस्करण मिला, जो वायरल है। इसके पहले और अंतिम पेज पर हमें कन्नड़ में विज्ञापन मिला, जबकि बाकी पूरा पेज अंग्रेजी में था।
पुरानी पड़ताल में विश्वास न्यूज ने नेशनल हेराल्ड के एडिटर इन चीफ जफर आगा से भी बात की थी। उन्होंने बताया कि नेशनल हेराल्ड अखबार तीन भाषाओं में अलग-अलग नाम से छपता है। अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नव जीवन और और उर्दू में क़ौमी आवाज़ के नाम से पब्लिश होता है। वायरल पोस्ट फर्जी है। बेंगलुरु में नेशनल हेराल्ड के स्मारक संस्करण के शुभारंभ के मौके पर अखबार का पहला और अंतिम पेज कन्नड़ में था, बाकी अंदर अंग्रेजी का कंटेंट था।
पुरानी पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ें।
तहकीकात के अंतिम दौर में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर विपिन पांडेय एक खास विचारधारा से प्रभावित है। यूजर गौरीगंज का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में राहुल गांधी के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। राहुल गांधी कन्नड़ का अखबार नहीं, अंग्रेजी का अखबार पढ़ रहे थे।
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