Fact Check : राहुल गांधी ने वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ के आरोपियों को माफ करने की बात की थी, गलत दावा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि राहुल गांधी के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2022 का है। राहुल गांधी ने केरल के वायनाड में कांग्रेस कार्यालय में  हुई तोड़फोड़ को लेकर यह बयान दिया था, जिसके वीडियो को अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में राहुल गांधी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वो बच्चे हैं उन्हें इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए हमें उन्हें माफ कर देने चाहिए। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी ने यह बयान उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या को लेकर दिया है। उन्होंने कन्हैयालाल के हत्यारों को समर्थन करते हुए यह बयान दिया है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2022 का है। राहुल गांधी ने  केरल के वायनाड में कांग्रेस कार्यालय में  हुई तोड़फोड़ को लेकर यह बयान दिया था, जिसके वीडियो को अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। इससे यह बात स्पष्ट है कि राहुल गांधी ने कन्हैयालाल के हत्यारोपियों को नहीं, बल्कि वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ के आरोपियों को माफ करने की बात की थी।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘कृष्ण माधव’ ने 24 नवंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “राजस्थान वालों- क्या आपको कन्हैयालाल का गला काट देने वाले हत्यारे जिहादियों पर दिया गया राहुल गांधी का बयान याद है- “हमें उनके प्रति कोई गुस्सा नहीं है वह दोनों बच्चे हैं और बिल्कुल निर्दोष है उनको छोड़ देना चाहिए” अगर फिर भी आप राहुल की पार्टी कांग्रेस को सपोर्ट करते हो तो फिर तुम्हारा अल्लाह ही मालिक है।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/CoolgtGaurav/status/1728306364798427311

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट इकोनॉमी टाइम्स पर मिली। रिपोर्ट को 1 जुलाई 2022 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने वायनाड में अपने क्षतिग्रस्त कार्यालय का दौरा किया। उन्होंने प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि एसएफआई कार्यकर्ताओं ने गैर-जिम्मेदाराना हरकत की है। हालांकि,  वो बच्चे हैं उन्हें अभी ज्यादा समझ नहीं है। हमें उन्हें माफ कर देना चाहिए।

 अन्य न्यूज रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है। 

पड़ताल के दौरान हमें वीडियो का एक लंबा वर्जन न्यूज 18 केरल के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 2 जुलाई 2022 को अपलोड किया गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रिपोर्टर राहुल गांधी से उनके कार्यकाल में हुए तोड़फोड़ को लेकर सवाल करता है। इसके जवाब में वो कहते हैं कि यह मेरा कार्यालय  है। लेकिन मेरा कार्यालय  होने से पहले यह वायनाड के लोगों का है। यह वायनाड के लोगों की आवाज है। यह जो हुआ, वो काफी दुखद और गलत है। कुछ लोग कहते हैं कि हिंसा से परेशानी को सुलझाया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है, जिन्होंने यह काम किया है उन्होंने  काफी गलत काम किया है। मगर वो भी बच्चे ही हैं। हमें उन्हें माफ कर देना चाहिए।”

अधिक जानकारी के लिए हमने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क किया।  उन्होंने वायरल दावे को गलत और दुष्प्रचार बताया है। उनका कहना है, राहुल गांधी की छवि को खराब करने के लिए विपक्षी दल इस तरह की पोस्ट को वायरल कर रहे हैं। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि राहुल गांधी के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2022 का है। राहुल गांधी ने केरल के वायनाड में कांग्रेस कार्यालय में  हुई तोड़फोड़ को लेकर यह बयान दिया था, जिसके वीडियो को अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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