Fact Check: न ही राहुल, राजीव ने कलमा पढ़ा, और न ही यह फोटो इंदिरा गांधी के दाह संस्कार का है

नई दिल्ली (विश्वास टीम)।आज कल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें राहुल गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव को देखा जा सकता है। वायरल फोटो में जहां राहुल और राजीव गांधी ने हाथों को सामने फैला रखा है वहीं, नरसिम्हा राव ने हाथों को जोड़ा हुआ है। पोस्ट के साथ कैप्शन के अनुसार, यह फोटो इंदिरा गांधी के दाह संस्कार का है जहाँ उनके बेटे राजीव और पोते राहुल ने कलमा पढ़ा। असल में यह पोस्ट भ्रामक है। यह तस्वीर इंदिरा गांधी के दाह संस्कार की नहीं है।

CLAIM

शेयर की जा रही पोस्ट में फोटो के साथ कैप्शन लिखा है: “यह दृश्य तब का है जब इन्दिरा की लाश के सामने राहुल और राजीव गांधी कलमा पढ रहे थे, हमारे देश के मूर्ख लोगों को लगता है कि ये लोग ब्राह्मण हैं।”


इस तस्वीर को ‘आदर्श व्यवस्था निर्भीक संविधान’ नामक फेसबुक पेज द्वारा सबसे ज़्यादा बार शेयर किया गया। इस पेज का Stalkscan सर्च करने पर हमने पाया कि इस पेज के कुल 675,860 फॉलोअर्स हैं। इस पेज पे पोस्ट किये गए ज़्यादातर पोस्ट्स एक विशेष पॉलिटिकल पार्टी के विरोध में ही हैं।

FACT CHECK

हमने इस दावे की पड़ताल करने का फैसला किया। इस फोटो को विश्वप्रताप राष्ट्रवादी नामक व्यक्ति द्वारा भी ट्वीट किया गया है। इस पोस्ट के कमेंट्स की जाँच करने पर हमारी नज़र एक कमेंट पर पड़ी जिसमें लिखा था।” ये खान अब्दुल गफ्फार खान के जनाज़े का फोटो है।” इस कमेंट को अपनी पड़ताल का आधार बनाते हुए हमने अपनी पड़ताल आगे बढ़ाई।


इस फोटो का हमने Google Reverse Image Search किया और साथ में कीवर्ड डाला अब्दुल गफ्फार खान फ्यूनरल और हमारे सामने जनवरी 26, 2016 को मोहसिन दवर द्वारा किया गया ट्वीट आया। इस ट्वीट में इसी फोटो को शेयर किया गया है और कैप्शन में लिखा है ” Rajeev Gandhi, Sonia Gandhi and Narsihma Rao at Bacha Khan’s funeral. Pic from #BachakhanAwKhudaiKhidmatgari vol 2″. इसका हिंदी में मतलब होता है ” राजीव गाँधी, सोनिया गाँधी और नरसिम्हा राव बच्चा खान के जनाज़े में”।

इस बात को और पक्का करने के लिए हमने गूगल में अब्दुल गफ्फार खान के जनाज़े की और तस्वीरें ढूंढी। हमें तस्वीर तो नहीं मिली पर सितम्बर 17, 2011 को एक बासित खान द्वारा अपलोड किया गया यूट्यूब वीडियो मिला। वीडियो में 1 मिनट 6 सेकंड पर इस्तेमाल एक तस्वीर एक अलग एंगल से इस फोटो को दिखाती है। साथ में लिखा है “The Indian Prime Minister rushed to pay homage to this legend who India also considers their freedom hero alongside Gandhi. The Indian Govt announced the greatest civilian award for the Pathan”. इसका हिंदी अनुवाद होता है- ” भारतीय प्रधानमंत्री ने भी अब्दुल गफ्फार खान के जनाज़े में शिरकत की।”

इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है “The death of Ghaffar Khan at Jalalabad (Afghanistan) & Baba’s funeral, one of the biggest funeral in the history of the world”. जिससे साफ है कि यह फोटो अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे का है।

इस तथ्य की और पुष्टि करने के लिए हमने इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार के फोटो भी ढूंढे। इस जाँच में हमारे हाथ इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार का एक वीडियो लगा। इस 7 मिनट के वीडियो में 6 मिनट और 18 सेकंड पर पूरे गाँधी परिवार को एक साथ देखा जा सकता है। जहाँ वायरल हो रहे वीडियो में राजीव गांधी ने बंद गले का सूट पहना है वहीं, इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार में उन्होंने कुर्ता-पायजामा पहना है। इंदिरा गाँधी के अंतिम संस्कार में राजीव ने गाँधी टोपी भी पहनी है, जबकि वायरल वीडियो में टोपी नहीं पहनी।


इस सिलसिले में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने ऑल इंडिया तंज़ीम उलेमा-ए-इस्लाम के दिल्ली प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी सगीर अहमद से भी बात की जिन्होंने हमें बताया कि किसी भी मुस्लिम के जनाज़े में मृत व्यक्ति के लिए मगफिरत की दुआ की जाती है। इस दौरान मौलाना द्वारा क़ुरान की कुछ आयतें पढ़ी जाती हैं और आसपास खड़े लोग भी दुआ करते हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल हो रहा दावा गलत है। वायरल हो रहा फोटो अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे का है न कि इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार का।

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Symbols that define nature of fake news
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