Fact Check: पंजाब के नए मुख्यमंत्री के धर्मांतरित ईसाई होने का दावा झूठ और दुष्प्रचार, दलित सिख हैं चरणजीत सिंह चन्नी

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि चन्नी धर्मांतरित ईसाई हैं और मीडिया उनके दलित होने की झूठी खबरें फैला रहा है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और दुष्प्रचार निकला। कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चमकौर साहिब (सुरक्षित सीट) से दलित विधायक चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया, जो रमदसिया सिख समुदाय से आते हैं। पंजाब में अनुसूचित जाति के तहत कुल 39 जातियां आती हैं, जिसमें से एक समुदाय रमदसिया सिखों की है और चन्नी इसी समुदाय से संबंधित हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज ‘IndiaVirals’ ने वायरल पोस्ट को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”पंजाब का CM वेटिकन के इशारे पर नियुक्त हुआ है?? खबर आ रही है कि पंजाब के नए CM चरणजीत चन्नी धर्मांतरित ईसाई हैं..लुटियन मीडिया दलित होने की झूठी खबर फैला रही है। इसका मतलब सोनिया गांधी ने सोच समझ कर ही अपनी चाल चली है। अब पंजाब में खुल कर धर्मांतरण का खेल होगा। कमीने कांग्रेसी।”


सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल पोस्ट

पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब दौ सौ से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस दावे को सच मानते हुए शेयर किया है।

पड़ताल

पंजाब कांग्रेस में महीनों चली सियासी खींचतान के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से चमकौर साहिब के विधायक चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया। चन्नी ने राजभवन में 20 सितंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें बताया गया है कि वह पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 20 सितंबर को प्रकाशित रिपोर्ट में भी उन्हें दलित नेता बताया गया है।


दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 20 सितंबर को प्रकाशित रिपोर्ट

गौरतलब है कि चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के चमकौर साहिब विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। चन्नी ने अपने हलफनामे में भी इसका जिक्र किया है।

Source-ECI

कई अन्य रिपोर्ट्स में बताया गया है कि वह रमदसिया सिख समुदाय से आते हैं। भारत सरकार की socialjustice.nic.in वेबसाइट पर देश के सभी राज्यों में रहने वाली अनुसूचित जातियों का विवरण मिलता है।

हमें यहां पंजाब में अनुसूचित जाति के तहत आने वाली सभी जातियों का विवरण मिला। जानकारी के मुताबिक, पंजाब में अनुसूचित जाति (एससी/SC) के तहत कुल 39 जातियां आती हैं, जिसमें से एक रमदसिया सिख है।

पंजाब राज्य में अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत आने वाली जातियां (Source-socialjustice.nic.in)

अब तक की हमारी पड़ताल से यह बात साबित होती है कि चन्नी दलित समुदाय (रमदसिया सिख) से आते हैं। इस मामले में और अधिक जानकारी के लिए हमने सहयोगी दैनिक जागरण के चंडीगढ़ के विशेष संवाददाता जय सिंह छिब्बर से संपर्क किया। छिब्बर चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘चन्नी रमदसिया सिख हैं और यह पंजाब में अनुसूचित जाति के तहत आने वाली 39 जातियों में से एक हैं। उनके ईसाई होने का दावा बेबुनियाद है।’

पंजाब में काम करने वाले एक और राजनीतिक विश्लेषक विनायक दत्त ने भी इसकी पुष्टि की। दत्त ने कहा, ‘चन्नी दलित सिख हैं। रमदसिया सिखों की एक बड़ी आबादी सिख धर्म से जुड़ी हुई हैं और उनकी धार्मिक मान्यताएं अन्य सिखों जैसी ही हैं।’ चुनावी हलफनामे में चन्नी ने अपना पूरा नाम चरणजीत सिंह चन्नी और अपनी पत्नी का नाम कमलजीत कौर बताया है।

Source_ECI

छिब्बर ने कहा, ‘दोनों नाम यह बताते हैं कि वह सिख धर्म से जुड़े हुए हैं। आम तौर पर सिख धर्म को मानने वाले पुरुष अपने नाम में सिंह और महिलाएं अपने नाम में कौर लगाती हैं, चाहे वह किसी समुदाय या जाति से क्यों न हों।’ हमारी जांच में यह बात साबित होती है कि पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दलित सिख हैं, न कि धर्मांतरित ईसाई।

वायरल दावे को शेयर करने वाले पेज को फेसबुक पर करीब पांच लाख से अधिक लोग पंसद करते हैं।

निष्कर्ष: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के धर्मांतरित ईसाई होने के दावे के साथ वायरल पोस्ट पूरी तरह से झूठ और दुष्प्रचार है। चन्नी दलित (रमदसिया सिख) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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