Fact Check : पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान की छह साल पुरानी खबर को दुष्‍प्रचार की मंशा से अब किया गया वायरल

पड़ताल में भगवंत मान से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। छह साल पुरानी उनकी एक खबर को अब जानबूझकर उनके खिलाफ दुष्‍प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। दिल्‍ली सरकार के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है। इसमें पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान की एक तस्‍वीर के साथ खबर में लिखा है कि वे मोगा की पुरानी अनाज मंडी में जनसभा के दौरान लड़खड़ाकर गिर पड़े। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि भगवंत मान की छह साल पुरानी खबर को अब जानबूझकर वायरल करके उनके खिलाफ दुष्‍प्रचार किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर नीतीश यादव कन्‍नौज ने 28 फरवरी को अखबार की एक कटिंग को पोस्‍ट करते हुए लिखा, ‘महाराणा प्रताप के वंशज मनीष सिसोदिया जी की गिरफ्तारी का सबसे ज्यादा दुख इस आदमी को हुआ है…’

पोस्‍ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने भगवंत मान से जुड़ी वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल की मदद ली। इसमें संबंधित कीवर्ड टाइप करके सर्च करने पर भास्‍कर डॉट कॉम पर पब्लिश एक खबर मिली। छह वर्ष पहले प्रकाशित खबर की हेडिंग और कंटेंट वही मिला, जो अब वायरल पोस्‍ट में लिखा था। इस खबर में लिखा गया, “मोगा पुरानीअनाज मंडी में शनिवार रात जनसभा में पहुंचे भगवंत मान जब बोलने उठे तो 5 मिनट तक ऑडियंस को फ्लाइंग किस ही देते रहे। फिर लड़खड़ाकर गिर गए। संभले, उठे और फिर से फ्लाइंग किस देने लगे। भाषण के दौरान ज्यादातर समय सीधे खड़े नहीं हो पाए। कभी लड़खड़ा जाते तो कभी घूमकर लोगों की तरफ पीठ कर खड़े हो जाते। स्पीच खत्म होते ही जैसे ही वो पलटे, फिर गिर पड़े। वापस जाने लगे तो स्टेज की सीढ़ियों पर फिर लड़खड़ा गए, लेकिन सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें संभाल लिया। गार्ड ने उन्हें सहारा देकर गाड़ी तक पहुंचाया। कारण तो नहीं बताया, लेकिन उन्होंने मीडिया से भी दूरी बनाए रखी।” छह साल पुरानी खबर यहां पढ़ें।

कीवर्ड सर्च के जरिए हम भाजपा पंजाब के आधिकारिक पेज पर पहुंचे। वहां 30 जनवरी 2017 को भगवंत मान से जुड़ी खबर को पोस्‍ट किया गया था। यहां बताया गया कि दैनिक भास्‍कर ने यह खबर 30 जनवरी 2017 को प्रकाशित की थी।

सर्च के दौरान वायरल कटिंग सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण के ट्विटर हैंडल पर भी मिली। 30 जनवरी 2017 को इसे पोस्‍ट करते हुए प्रशांत भूषण ने आम आदमी पार्टी पर तंज कसा था।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, मोगा के चीफ रिपोर्टर सत्‍येन ओझा से संपर्क किया। उनके साथ भगवंत मान से जुड़ी वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह काफी पुरानी तस्‍वीर है। हाल-फिलहाल में ऐसी कोई घटना नहीं घटी है।

पड़ताल के अंत में उस यूजर की जांच की गई, जिसने भगवंत मान की छह साल पुरानी खबर को अभी का बताकर वायरल किया। फेसबुक यूजर नीतीश यादव यूपी के कन्‍नौज का रहने वाला है। इसके अकाउंट को 1687 लोग फॉलो करते हैं, जबकि फ्रेंड की तादाद चार हजार से ज्‍यादा है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में भगवंत मान से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। छह साल पुरानी उनकी एक खबर को अब जानबूझकर उनके खिलाफ दुष्‍प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।

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