Fact Check: पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी का दावा वाला वीडियो हमले से दो साल पहले का है

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दावा किया जा रहा है कि पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार गद्दार को पकड़ लिया गया है। पोस्ट में हिंदी न्यूज चैनल का एक वीडियो है, जिसमें एक लश्कर-ए-तैय्यबा के पहले हिंदू आतंकी को पकड़े जाने का दावा किया गया है, जिसका नाम संदीप शर्मा है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा वीडियो गलत साबित होता है। जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी को पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के तौर पर दिखाया जा रहा है, वह हमले से करीब दो साल पहले आतंक के अलग मामले में गिरफ्तार किया गया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर्स ‘Face The सच’ से एक हिंदी चैनल के वीडियो को शेयर किया गया है। वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया है, ‘वो गद्दार पकड़ा गया भाईयों जिसने 44 जवानों का सौदा था नाम है संदीप शर्मा।’ वीडियो में दिखाया जा रहा है कि पुलिस के हाथों लश्कर का एक आतंकी गिरफ्तार हुआ है, जिसका नाम संदीप शर्मा है।

फेसबुक पर वायरल हो रहा पोस्ट

पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को करीब ढाई लाख बार देखा जा चुका है और करीब 8,000 लोगों ने इसे शेयर किया है।

पड़ताल

फेसबुक पोस्ट में जिस वीडियो का इस्तेमाल करते हुए यह दावा किया गया है, वह हिंदी न्यूज चैनल ‘’एबीपी’’ का है। वीडियो के मुताबिक पहली बार लश्कर के किसी गैर मुस्लिम आतंकी को गिरफ्तार किया गया है, जिसका नाम संदीप शर्मा उर्फ आदिल है। 10 जुलाई 2017 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से शर्मा की गिरफ्तारी हुई।

वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक 1 जुलाई 2017 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुआ था। पुलिस ने इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैय्यबा के बशीर लश्करी को मार गिराया था। पुलिस के मुताबिक एनकाउंटर शुरू होने से पहले शर्मा लश्करी के साथ उसके घर में मौजूद था, जिसे लश्करी के परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सुरक्षित निकाल दिया गया।

10 जुलाई 2017 को अंग्रेजी अखबार ‘’द इकॉनमिक टाइम्स’’ में प्रकाशित रिपोर्ट से इसकी पुष्टि होती है।

सर्च में हमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के तत्कालीन आईजी (पुलिस निरीक्षक) मुनीर खान के प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो मिला। खान के, ‘पकड़ा गया व्यक्ति सिर्फ एटीएम लूट में शामिल नहीं था, बल्कि वह सक्रिय आतंकी कार्रवाई में शामिल था।’

खान के मुताबिक शर्मा न केवल एटीएम लूट में शामिल था, बल्कि वह गांवों में कई अनैतिक काम में भी संलिप्त रहा था। इसके बाद वह हार्ड कोर आतंकी बन गया और लश्कर के आतंकियों के साथ तीन अहम वारदातों में न केवल शामिल हुआ, बल्कि उसमें उसकी सक्रिय भागीदारी भी रही।

खान के मुताबिक, ‘संदीप कुमार उर्फ आदिल 16 जून 2017 की घटना के अलावा, जिसमें एसएचओ फिरोज डार मारे गए थे, मुंडा इलाके में सेना के काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले में भी शामिल था, जिसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए थे और चार घायल हुए थे।’ उन्होंने कहा कि तीसरा मामला अनंतनाग में रह रहे रिटायर्ड जस्टिस के गार्ड से हथियारों को छीनने का था।

खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला संदीप शर्मा पहली बार 2012 में घाटी में आया और वेल्डिंग का काम करने लगा। सर्दियों में वह घाटी से बाहर विशेषकर पटियाला चला जाता और इसी दौरान वह लश्कर के आतंकियों के संपर्क में आया।  खान ने कहा, ‘पंजाब में काम करते हुए वह शाहिद अहमद के संपर्क में आया, जो कुलगाम का रहने वाला था और पंजाब में काम कर रहा था। 2017 के जनवरी में वह घाटी में आया और दक्षिणी कश्मीर में एटीएम की लूट के साथ अन्य वारदात की योजना बनाई।’

इसके बाद संदीप कुलगाम में शाहिद अहमद, मुनीब शाह और मुजफ्फर अहमद के साथ रहने लगा और यही उसकी मुलाकात हार्ड कोर लश्कर आतंकी शकूर अहमद से हुई । उन्होंने बताया, ‘यही से सभी वारदात की शुरुआत हुई। आतंकियों ने एटीएम लूट में संदीप की सेवा ली और हिस्सेदारी को बांटा गया।’

जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, ‘हमने लश्करी के मुठभेड़ के दौरान संदीप को पकड़ा। इसके बाद हमारा शक बढ़ा। हम लश्करी के घर में एक गैर कश्मीरी व्यक्ति की मौजूदगी को लेकर  अचंभित थे। इसलिए हमने जांच को आगे बढ़ाने का फैसला लिया।’ न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि होती है।

अब आते हैं जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की खबर पर। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिल को निशाना बनाते हुए आतंकियों ने हमला किया था।

एएनआई के मुताबिक इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जैश ने एक कश्मीरी न्यूज एजेंसी GNS को मैसेज कर इस हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया था। सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के मुताबिक इस हमले में कुल 40 जवान शहीद हुए थे।

यानी न्यूज चैनल ABP के जिस वीडियो का इस्तेमाल करते हुए पुलवामा हमले के दोषी को पकड़ने का दावा किया गया है, वह सही है लेकिन करीब दो साल पहले के अन्य आतंकी वारदात का है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मुदस्सिर के करीबी सज्जाद खान को 22 मार्च को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया। वहीं हमले के ठीक बाद त्राल में हुए मुठभेड़ में मुदस्सिर को मार गिराया जा चुका है।

डीडी न्यूज की खबर के मुताबिक, ”मुदस्सिर जैश का कमांडर था और उसने ही पुलवामा हमले की साजिश रची थी। इसके अलावा हमले का एक और मास्टरमांइड कामरान पहले ही मारा जा चुका है। सुरक्षा बलों के मुताबिक पुलवामा हमले के बाद से 21 दिन में उसने 18 आतंकवादियों को ढेर किया है जिसमें 6 जैश के टॉप कमांडर है। सेना के मुताबिक आतंकवादियों के खिलाफ उसका अभियान जारी रहेगा।”

निष्कर्ष: जिस व्यक्ति को पुलवामा हमले का जिम्मेदार बताते हुए उसकी गिरफ्तारी का वीडियो वायरल किया गया है, वह इस हमले से करीब दो साल पहले का है। संदीप शर्मा की गिरफ्तारी एटीएम लूट, हथियार लूट और अन्य आतंकी वारदात के मामले में हुई थी। वहीं, पोस्ट में दूसरा दावा पुलवामा हमले में मारे गए शहीदों  की संख्या को लेकर किया गया है। पोस्ट के मुताबिक इस हमले में कुल 44 जवान मारे गए थे, जबकि सीआरपीएफ के मुताबिक शहीद हुए जवानों की संख्या 40 थी। वायरल पोस्ट में किया गया दोनों दावा गलत साबित होता है।

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False
Symbols that define nature of fake news
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