त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में निकाली गई रैली के नाम पर भड़काऊ दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के जनाजे का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारत के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद सांप्रदायिक तनाव को भड़काने की मंशा के साथ तस्वीरों और वीडियो को गलत संदर्भ में साझा किया जा रहा है। ऐसे ही वायरल हो रहे एक वीडियो में बड़ी संख्या में लोगों के हुजूम को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह उत्तरी त्रिपुरा जिले धर्मनगर के कदमतला में आयोजित विशाल रैली की तस्वीर है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। भड़काऊ दावे के साथ वायरल किया जा रहा वीडियो वास्तव में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हजरत पीर सालिम मियां बदायूंनी के नाम से मशहूर अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के जनाजे का है, जिसे त्रिपुरा में हुई विरोध रैली का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘Fuzail Siddiqui’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”आज उत्तर त्रिपुरा ज़िले के धर्मनगर के कदमतला से एक विशाल विरोध रैली निकाली गई।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ‘MOHAMMAD IQBAL HASAN QADEERI’ के यूट्यूब चैनल पर नौ मई 2021 को अपलोड किया गया वीडियो मिला। यह वही वीडियो है, जिसे त्रिपुरा में हुई विरोध रैली को बताकर वायरल किया जा रहा है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो हजरत सलीम मियां कादरी बदायूंनी पीर के जनाजे का वीडियो है। यहां से मिली जानकारी के आधार पर की-वर्ड सर्च करने पर हमें फेसबुक यूजर ‘Ya Waris Ali Shah Pak’ की प्रोफाइल मिली, जिससे समान वीडियो को 9 मई 2021 को शेयर किया गया है।
पोस्ट के दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘यह वीडियो हजरत हजरत पीर सालिम मिया साहब बदायूंनी के आखरी सफर का है।’ सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स भी मिली, जिसमें इसका जिक्र है। अमर उजाला की वेबसाइट पर 11 मई 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘रविवार तड़के दरगाह आलिया कादरिया के सज्जादा नशीन काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के जनाजे में मुरीदों की इस कदर भीड़ उमड़ी कि सामाजिक दूरी तो अलग मास्क के नियम भी टूट गए। पुलिस और जिला प्रशासन कुछ नहीं कर सका। जब सोशल मीडिया पर भीड़ का वीडियो वायरल हुआ तो सदर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात भीड़ के खिलाफ कोविड-19 और कर्फ्यू उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली है।’
हमारी अब तक की पड़ताल से यह स्पष्ट है कि त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में निकाली गई रैली के नाम पर भड़काऊ दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के जनाजे का है।
हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के बदायूं के ब्यूरो चीफ कमलेश सिंह ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया, ‘वायरल हो रहा वीडियो बदायूं के अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के जनाजे का है।’
गौरतलब है कि त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद त्रिपुरा पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी वीडियो अपील में लोगों से फेसबुक और ट्विटर पर किसी तरह का अफवाह नहीं फैलाने की अपील की गई है। हालांकि, इसके बावजूद सोशल मीडिया पर भ्रामक या गलत दावे के साथ वीडियो और तस्वीरों को साझा किए जाने की प्रवृत्ति में कमी नहीं आई है।
निष्कर्ष: त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में निकाली गई रैली के नाम पर भड़काऊ दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के जनाजे का है।
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