Fact Check : लखनऊ की प्रियदर्शिनी की अब तक नहीं हुई है गिरफ्तारी, वायरल वीडियो लेडी डॉन अनुराधा का है
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फेक साबित हुई। जिस वीडियो को लखनऊ की प्रियदर्शिनी की गिरफ्तारी का बताया जा रहा है, वह दरअसल राजस्थान की लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का पुराना वीडियो है।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Aug 11, 2021 at 10:56 AM
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। यूपी की राजधानी लखनऊ में एक कैब ड्राइवर की सरेराह पिटाई करके चर्चा में आई प्रियदर्शनी नारायण के नाम से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक युवती को कुछ महिला पुलिसकर्मी अरेस्ट की हुई नजर आ रही हैं। दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो प्रियदर्शनी नारायण का है। उसे अरेस्ट किया गया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। अभी तक प्रियदर्शनी को पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया है। वायरल वीडियो राजस्थान की लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का है। यह वीडियो 2017से इंटरनेट पर मौजूद है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर जितेंद्र सैनी ने 6 अगस्त को राजस्थान की लेडी डॉन का वीडियो अपलोड करके हुए इसे लखनऊ की युवती बताया। दावा करते हुए लिखा गया : ‘arrestlucknowgirl, lucknow girl arrested , lucknow girl viral video, lucknow cab driver’
वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके लिखा गया कि लखनऊ की लड़की प्रियदर्शिनी नारायण गिरफ्तार। फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें कुछ महिला पुलिसकर्मी चेक शर्ट पहनी हुई एक युवती को ले जाते हुए नजर आईं। वीडियो में दिख रही इमारत में हमें अति. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डीडवाना (नागौर) लिखा हुआ नजर आया, जबकि वीडियो को लेकर बताया गया कि यह लखनऊ की लड़की प्रियदर्शिनी नारायण है।
हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए InVID टूल की मदद ली। इसके माध्यम से वीडियो से कई ग्रैब्स निकाल कर इसे गूगल रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया था। हमें टीवी 9 भारतवर्ष की वेबसाइट पर 31 जुलाई को अपलोड एक खबर मिली। खबर में उसी महिला की तस्वीर अपलोड थी, जो वायरल पोस्ट में दिख रही थी। खबर के अनुसार, यह अनुराधा चौधरी है। इसका संबंध राजस्थान के गैंगस्टर रहे आनंदपाल से था। खबर में बताया गया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अनुराधा को गिरफ्तार किया है। पूरी खबर यहां पढ़ें।
इसी चैनल के यूट्यूब पर हमें एक खबर मिली। 31 जुलाई 2021 को अपलोड इस न्यूज में वायरल वीडियो का इस्तेमाल किया गया था।
सर्च के दौरान हमें ओरिजनल वीडियो 2017 में यूट्यूब पर अपलोड मिला। 30 मार्च 2017 को एक यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा गया कि आनंदपाल की साथी अनुराधा को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
अब हमें यह जानना था कि आखिर लखनऊ की प्रियदर्शिनी नारायण कौन हैं। और ये क्यों चर्चा में हैं। इसके लिए गूगल ओपन सर्च की मदद ली। सर्च में हमें कई जगह प्रियदर्शिनी नारायण से जुड़ी खबर मिली। रिपब्लिकभारत की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर से पता चला कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक लड़की का कैब ड्राइवर से झगड़े का वीडियो काफी वायरल हो रहा है। घटना 30 जुलाई की है। इसकी पहचान प्रियदर्शिनी नारायण यादव के रूप में हुई है। पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल के दौरान हमें जागरण डॉट कॉम पर 3 अगस्त को पब्लिश एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि कैब ड्राइवर को पिटने वाली प्रियदर्शिनी नारायण यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने दैनिक जागरण लखनऊ के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। हमें 10 अगस्त के अखबार में प्रकाशित एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि कैब चालक की पिटाई करने वाली प्रियदर्शिनी से 9 अगस्त को पुलिस ने कई घंटे पूछताछ की। संबंधित खबर को आप नीचे पढ़ सकते हैं।
जांच के दौरान हमने दैनिक जागरण, लखनऊ के वरिष्ठ अपराध संवाददाता ज्ञान मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने हमें जानकारी देते हुए बताया कि कैब चालक की पिटाई करने वाली प्रियदर्शिनी नारायण से अभी केवल पूछताछ हुई है। उसकी गिरफ्तारी की खबर झूठी है। वायरल वीडियो में दिख रही युवती प्रियदर्शिनी नहीं है।
अब बारी थी कि उस यूजर की जांच करने की, जिसने फर्जी पोस्ट को वायरल की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर जितेंद्र सैनी के चार हजार से ज्यादा फेसबुक फ्रेंड हैं। वैसे तो यूजर यूपी का रहने वाला है, लेकिन अब दिल्ली में रहता है। इस अकाउंट को अक्टूबर 2014 में बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फेक साबित हुई। जिस वीडियो को लखनऊ की प्रियदर्शिनी की गिरफ्तारी का बताया जा रहा है, वह दरअसल राजस्थान की लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का पुराना वीडियो है।
- Claim Review : कैब ड्राइवर की पिटाई करने वाली लखनऊ की युवती प्रियदर्शिनी नारायण को गिरफ्तार किया गया।
- Claimed By : फेसबुक यूजर जितेंद्र सैनी
- Fact Check : झूठ
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