Fact Check : पीएम मोदी ने हायर नहीं किया मेकअप आर्टिस्ट, फर्जी है दावा
- By: Ashish Maharishi
- Published: Mar 15, 2019 at 10:08 AM
- Updated: Mar 19, 2019 at 12:45 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। फेसबुक पर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें एक महिला नरेंद्र मोदी का मेकअप करते हुए नजर आ रही है। वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 लाख रुपए की सैलरी पर एक मेकअप आर्टिस्ट को हायर किया हुआ है। विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। जिस महिला को मेकअप आर्टिस्ट बताकर वायरल किया जा रहा है, वह मैडम तुसाद की एक्सपर्ट टीम की एक सदस्य हैं। मार्च 2016 में पूरी टीम पीएम मोदी के निवास पर उनके स्टैचू के लिए उनका माप लेने आई थी।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक पर Beware of FROUD MEDIA नामक पेज से 14 मार्च 2019 को एक तस्वीर अपलोड की गई। इसमें पीएम मोदी एक कुर्सी पर बैठे हुए हैं, जबकि उनके पास महिला खड़ी है। उसके हाथ में एक बॉक्स है। वह पीएम मोदी का मेकअप करती हुई नजर आ रही हैं। तस्वीर के ऊपर लिखा गया है कि 15 लाख रुपए महीने की पगार पर रखी गई मेकअप आर्टिस्ट…। इस पोस्ट को अब तक 400 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है। सैकड़ों कमेंट में प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया है।
पड़ताल
वायरल हो रही पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले हमने Google Reverse Image Search टूल का यूज किया। इससे हमें ndtv.com की एक खबर का लिंक मिला। इस खबर के मुताबिक, मैडम तुसाद म्यूजियम में नरेंद्र मोदी का स्टैचू लगाया जाएगा। खबर में जो वीडियो यूज किया गया है, उसमें भी वही महिला दिख रही हैं, जो फैलाई जा रही झूठी पोस्ट में दिख रही हैं। खबर 17 मार्च 2016 को वेबसाइट पर अपलोड की गई है।
अपनी खोज के दौरान हम लंदन के मैडम तुसाद म्यूजियम की वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज पर भी गए। म्यूजियम के Youtube चैनल Madame Tussauds London
पर हमें एक वीडियो मिला। इसे 16 मार्च 2016 को अपलोड किया गया था। 58 सेकंड के इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मैडम तुसाद के आर्टिस्ट के साथ देखा जा सकता है। वीडियो के कैप्शन में लिखा है : Indian Prime Minister, Narendra Modi, has been involved in the creation of his figure and gave Madame Tussauds renowned artists a sitting at his residence in New Delhi earlier this year.
वीडियो को ध्यान से देखने पर पता चला कि मोदी के बगल में खड़ी महिला उनका मेकअप नहीं कर रही है, बल्कि मैडम तुसाद की एक्सपर्ट टीम की यह महिला पीएम मोदी की आंखों का मैचिंग अपने बॉक्स में खोज रही हैं। आप ध्यान से देखेंगे तो महिला के हाथ में जो बॉक्स है, उसमें नकली आंखों का कलेक्शन है। यह महिला इसी कलेक्शन बॉक्स में से एक नकली आंख निकालकर पीएम मोदी की आंखों से मैच कर रही हैं।
इस वीडियो को अब तक 76 लाख से ज्यादा बार देखा जा चका है। इतना ही नहीं। वीडियो पर कमेंट करने वालों की संख्या भी कम नहीं है। 600 से ज्यादा लोगों ने इस वीडियो पर कमेंट किया है।
फेसबुक पेज पर हमें एक तस्वीर मिली। इसमें नरेंद्र मोदी अपने स्टैचू को बड़े ध्यान से देख रहे हैं। यह तस्वीर 20 अप्रैल 2016 को पोस्ट की गई है।
Youtube पर हमें एक ऐसा वीडियो मिला, जिसमें पीएम मोदी के स्टैचू बनने की पूरी प्रक्रिया बताई गई है। इस वीडियो को मैडम तुसाद, सिंगापुर के Youtube चैनल पर 19 मई 2016 को अपलोड किया गया था। 2:19 मिनट के इस वीडियो को अब तक 25 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
फर्जी ट्वीट की सच्चाई पता लगाने के बाद अब बारी थी उस फेसबुक अकाउंट के बारे में पता लगाने की, जो इसे वायरल कर रहा है। StalkScan की मदद से हमें पता लगा कि Beware of FROUD MEDIA फेसबुक पेज पर अधिकांश पोस्ट सरकार और नरेंद्र मोदी के खिलाफ ही होती है। इस पेज को पांच लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
इस पेज को Harish Humanist नाम के फेसबुक यूजर की तरफ से अपडेट किया जाता है। आगरा मूल के हरीश नई दिल्ली में रहते हैं। इनकी प्रोफाइल के मुताबिक, ये दिल्ली मेट्रो में सुपरवाइजर के तौर पर कार्यरत हैं।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की जांच में पता चला कि पीएम मोदी की ओर से 15 लाख की मेकअप आर्टिस्ट हायर रखने की बात गलत है। जिस तस्वीर को वायरल किया जा रहा है, वह मार्च 2016 की है।
पूरा सच जानें…
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।
- Claim Review : प्रधानमंत्री मोदी ने 15 लाख रुपए की सैलरी पर एक मेकअप आर्टिस्ट को हॉयर किया
- Claimed By : Beware of FROUD MEDIA
- Fact Check : झूठ