Fact Check: पश्चिम बंगाल के पोस्टर को अब एडिट करके यूपी चुनाव में किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल किए गए पोस्‍टर की जांच की। यह फर्जी निकला। दरअसल पश्चिम बंगाल से जुड़े एक पुराने पोस्‍टर को कुछ लोग कंप्यूटर के माध्यम से एडिट करके यूपी चुनाव में वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही सोशल मीडिया में फर्जी खबरों के वायरल होने का सिलसिला शुरू हो चुका है। अब एक पोस्‍टर को वायरल किया जा रहा है। इसमें भगवा कपड़े और टोपी लगाए दो शख्‍स को कांग्रेस के समर्थन का पोस्‍टर पकड़े हुए देखा जा सकता है। पोस्‍टर के अंदर लिखा है यूपी में आ रही है कांग्रेस। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल किए गए पोस्‍टर की जांच की। यह फर्जी निकला। दरअसल पश्चिम बंगाल से जुड़े एक पुराने पोस्‍टर को कुछ लोग कंप्यूटर के माध्यम से एडिट करके यूपी चुनाव में वायरल कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Mohd Sadique ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि गंगा जमुनी तहजीब की तस्वीर चंद ज़हरीले लोगो के जहर से खत्म नही होने वाली। ये तस्वीर इस और भी इशारा कर रही है कि उत्तरप्रदेश के दिल मे इस बार सिर्फ कांग्रेस है ।हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, आपस में हम भाई भाई! बोलता उत्तरप्रदेश आ रही है काँग्रेस! #AaRahiHaiCongress

यहां वायरल मैसेज को ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं। पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली तस्वीर ममता बनर्जी के अभियान Didi Ke Bolo के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर 2 मार्च 2021 को अपलोड मिली। असली तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि दोनों लोगों ने कांग्रेस का नहीं, बल्कि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के पोस्टर को पकड़ा हुआ है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली तस्वीर तृणमूल कांग्रेस की नेता नुसरत जहां के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी मिली। नुसरत जहां ने 2 मार्च 2021 को असली तस्वीर को शेयर करते हुए बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय पर कटाक्ष किया था।

आप वायरल तस्वीर और असली तस्वीर के बीच का अंतर नीचे देख सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने बंगाल दैनिक जागरण के स्टेट हेड जय कृष्ण बाजपेयी से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। असली तस्वीर में में दोनों लोगों ने ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के पोस्टर को पकड़ा हुआ है। असली तस्वीर बंगाल विधान सभा चुनाव के दौरान की है।

हम स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं कि ये तस्वीर कहां की है और तस्वीर में नजर आ रहे दोनों शख्स कौन हैं, लेकिन पड़ताल में मिले तथ्यों के बाद ये तय है कि कांग्रेस के नाम से वायरल हो रही तस्वीर एडिटेड है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Mohd Sadique की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर के फेसबुक पर एक हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। यूजर उत्तर प्रदेश के तुलसीपुर शहर का रहने वाला है। Mohd Sadique के फेसबुक पर 2.9K Friends हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल किए गए पोस्‍टर की जांच की। यह फर्जी निकला। दरअसल पश्चिम बंगाल से जुड़े एक पुराने पोस्‍टर को कुछ लोग कंप्यूटर के माध्यम से एडिट करके यूपी चुनाव में वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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