Fact Check: टाटा कंपनी द्वारा JNU छात्रों को नौकरी न देने वाली पोस्ट फर्जी है

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि टाटा कंपनी द्वारा JNU के छात्रों को नौकरी न देने का दावा गलत है। टाटा ने ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है। टाटा के पीआरओ ने हमसे बात करते हुए कन्फर्म किया कि ये पोस्ट फर्जी है।

नई दिल्ली विश्वास न्यूज़।JNU काफी समय से ख़बरों में बना हुआ है। ऐसे में JNU को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी अफवाहें उड़ाई जा रहीं हैं। सोशल मीडिया पर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है कि टाटा अब नहीं देगा JNU के छात्रों को नौकरी। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। टाटा ने ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है। टाटा के पीआरओ ने हमसे बात करते हुए कन्फर्म किया कि ये पोस्ट फर्जी है।

क्या हो रहा हो वायरल?

वायरल हो रहे टेक्स्ट पोस्ट में लिखा है “#स्वागत_योग्य टाटा कंपनी ने JNU के छात्रों को दिया आजादी अब नही देगा टाटा JNU के छात्रों को नौकरी।”

इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस खबर को मेनस्ट्रीम मीडिया पर ढूंढा। हमने ‘Tata+JNU’ जैसे कई कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च इंजन पर ढूंढा मगर हमें इस संबंध में कोई खबर नहीं मिली।

इसके बात हमने टाटा ग्रुप की वेबसाइट को खंगालने का फैसला किया। टाटा ग्रुप की वेबसाइट पर हमें कहीं भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली।

हमने टाटा ग्रुप की वेबसाइट पर करियर सेक्शन में भी तलाशा। वहां कई जॉब ओपनिंग्स थीं मगर कहीं भी वांछित योग्यता में ऐसा नहीं लिखा था कि किसी विशेष यूनिवर्सिटी के छात्रों को नौकरी नहीं दी जाएगी।

इसके बाद हमने टाटा ग्रुप के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाला। काफी ढूँढ़ने पर हमें टाटा ग्रुप के ट्विटर हैंडल @TataCompanies द्वारा 15 फरवरी 2016 को एक ट्वीट का रिप्लाई मिला। @Amyth49 नाम के ट्विटर हैंडल ने Feb 15, 2016 को टाटा ग्रुप को टैग करते हुए एक फोटो शेयर किया था, जिसमें रतन टाटा की तस्वीर के साथ लिखा था, “रतन टाटा ने की बड़ी घोषणा। अब से टाटा कंपनी किसी भी JNU छात्र को नौकरी नहीं देगी। जो देश का नहीं हुआ, कम्पनी का कैसे होगा। भारत माता की जय।” और पूछा था “@TataCompanies , क्या ये सही है? क्या श्री टाटा ने ऐसा कोई कमेंट किया है?”

इस ट्वीट के रिप्लाई में @TataCompanies ने लिखा था “Mr Tata has not issued any such statement.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है, “श्री टाटा ने ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है।”

ज़्यादा पुष्टि के हमने टाटा ट्रस्ट के पीआरओ बॉब जॉन से बात की जिन्होंने भी कन्फर्म किया कि ये पोस्ट गलत है। उन्होंने हमें बताया कि ये फर्जी खबर 2016 में भी वायरल हुई थी। इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है।

इस फर्जी पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है भारतीय केसरिया वाहिनी नाम का फेसबुक पेज। इस प्रोफाइल के मुताबिक, यूजर लखनऊ का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि टाटा कंपनी द्वारा JNU के छात्रों को नौकरी न देने का दावा गलत है। टाटा ने ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है। टाटा के पीआरओ ने हमसे बात करते हुए कन्फर्म किया कि ये पोस्ट फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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