Fact Check : RSS के ऑफिस में हथियारों की खेप वाली पोस्‍ट झूठी, गुजरात-पंजाब की पुरानी तस्‍वीर हुई वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के ऑफिस में हथियारों की खेप वाली पोस्‍ट झूठी साबित हुई। पंजाब और गुजरात की पुरानी तस्‍वीरों को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check : RSS के ऑफिस में हथियारों की खेप वाली पोस्‍ट झूठी,  गुजरात-पंजाब की पुरानी तस्‍वीर हुई वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर कुछ तस्‍वीरों को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के झंडेवालान ऑफिस में हथियारों की खेप बरामद हुई है। विश्‍वास न्‍यूज ने जब इस दावे की पड़ताल की तो यह फर्जी निकला। गुजरात और पंजाब की पुरानी तस्‍वीरों को झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इन तस्‍वीरों को पहले भी कई बार केरल और कश्‍मीर के नाम पर वायरल किया जा चुका है।

क्‍या हो रहा है वायरल पोस्‍ट में?

फेसबुक यूजर पूजा अमरोही ने 7 फरवरी 2020 को कुछ तस्‍वीरों को अपलोड करते हुए दावा किया : ”सुना है दिल्ली के झण्डेवाला स्थित आरएसएस के कार्यालय से बरामद हथियारों की खेप। हथियारों के बीज बोओगे तो याद रखिए आपके बच्चों को खून की फसल काटनी पड़ेगी।”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तीनों तस्‍वीरों को अलग-अलग पड़ताल करने का फैसला किया। शुरूआत हमने पहली तस्‍वीर से की।

पहली तस्‍वीर

सबसे पहले हमने पहली तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। यह तस्‍वीर पहले भी कई झूठे दावों के साथ वायरल हो चुकी है। कभी इस तस्‍वीर को केरल का तो कभी कश्‍मीर की बताकर वायरल किया गया था। सर्च करते हुए हम flicker पर पहुंचे। वहां हमें खालसा किरपाण फैक्ट्री नाम के एक अकाउंट पर कई तस्‍वीरें मिलीं। इन तस्‍वीरों को आप यहां देख सकते हैं। इन तस्‍वीरों में कुछ तस्‍वीरें फैक्‍ट्री के अंदर की वैसी ही तस्‍वीरें मिलीं, जो दिल्‍ली के नाम पर वायरल हो रही हैं।

इसके बाद हमने गूगल में खालसा किरपाण फैक्‍ट्री टाइप करके सर्च किया। हमें पता चला कि इस नाम की फैक्‍ट्री पंजाब के पटियाला में मौजूद है। सर्च के दौरान हमें एक मोबाइल नंबर मिली। जब हमने इस नंबर पर कॉल किया तो हमारी बात बच्‍चन सिंह से हुई। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया, ”वायरल तस्‍वीर उन्‍हीं की दुकान की है। इस तस्‍वीर को कुछ लोग पहले भी झूठे दावों के साथ वायरल कर चुके हैं। तस्‍वीर करीब दो साल पुरानी है।”

दूसरी तस्‍वीर

इसके बाद हमने दूसरी तस्‍वीर को सर्च करना शुरू किया। इसमें हमें तलवारों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी दिखे। गूगल रिवर्स इमेज की मदद से हम @GujratHeadline नाम के एक ट्विटर हैंडल तक पहुंचे। इसके एक Tweet पर कई तस्‍वीरें थीं।

https://twitter.com/GujaratHeadline/status/706081278752215042

ट्वीट में बताया गया कि राजकोट के नॉवेल्‍टी स्‍टोर से हथियारों का जखीरा मिला। इस मामले में 6 लोगों को अरेस्‍ट किया गया। एक तस्‍वीर में हमें टेबल पर रखे कुछ चाकू दिखे। इन चाकू की डिजाइन ठीक वैसी ही थी, जैसी दिल्‍ली के नाम पर वायरल तस्‍वीर में दिख रहे चाकुओं की थी। तस्‍वीर को ध्‍यान से हमने देखा तो, चाकू वैसे ही रखे हुए थे, जैसे वायरल तस्‍वीर में रखे हुए थे। बस इस फोटो का एंगल अलग था।

तीसरी तस्‍वीर

इसके बाद ट्वीट में इस्‍तेमाल की गई एक तस्‍वीर से हमें पता चला कि दीवार पर लगे एक कैलेंडर और पुलिसकर्मी वही थे, जो वायरल तस्‍वीर में हैं। पूरा ट्वीट आप नीचे देख सकते हैं। यह ट्वीट 5 मार्च 2016 को किया गया था।

अपनी खोज को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल सर्च में राजकोट से संबंधित खबर को खोजना शुरू किया। हमें टाइम्‍स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें भी बताया गया कि क्राइम ब्रांच और कुवाडवा रोड पुलिस ने एक होटल से संचालित एक रैकेट का खुलासा किया। राजकोट-अहमदाबाद हाईवे पर स्थित इस होटल के नॉवेल्‍टी स्‍टोर से 257 हथियार मिले। इसमें तलवार से लेकर चाकू तक शामिल हैं। खबर 6 मार्च 2016 को प्रकाशित की गई थी।

ज्‍यादा जानकारी के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों से संपर्क किया। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के मीडिया प्रभारी रितेश अग्रवाल ने बताया कि संघ के ऑफिस में हथियारों वाली पोस्‍ट एकदम फर्जी है। ऐसी कोई घटना हमारे यहां नहीं हुई है। संघ इस खबर का जोरदार खंडन करता है।

अंत में हमने फेसबुक यूजर पूजा अमरोही की सोशल स्‍कैनिंग की। इसी अकाउंट से फर्जी पोस्‍ट वायरल की गई थी। हमें पता चला कि यूजर समाजिक कार्यकर्ता है। फिलहाल यूजर चंडीगढ़ में रहती है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के ऑफिस में हथियारों की खेप वाली पोस्‍ट झूठी साबित हुई। पंजाब और गुजरात की पुरानी तस्‍वीरों को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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