यह दावा करने वाला वायरल पोस्ट फर्जी है कि अमेरिका ने 100 डॉलर के बिल पर महात्मा बसवेश्वर की तस्वीर का इस्तेमाल किया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): विश्वास न्यूज को एक पोस्ट मिली, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिका ने 100 डॉलर के बिल (नोट) पर महात्मा बसवेश्वर की तस्वीर का इस्तेमाल कर भारत को सम्मानित किया है। पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारतीय पीएम ने अमेरिका का शुक्रिया अदा किया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर आरएन विभूते ने 22 जून को अपने प्रोफाइल पर एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा: “#अंबदें केला #भारतचा गौरव_ शंभर मोर नोटवर #लिंगराज धर्म संस्थापक #महाराष्ट्र #बसवेश्वर #महाहृदय प्रतिमा_ प्रतिमा❤️#पीएम कडून #यूएसए चेस आभार_ ️💪🚫👍💯🔥 #जय #शिवस्त्रनाद_”
अनुवाद: भारत को अमेरिका ने सम्मानित किया। अमेरिका ने 100 डॉलर के बिल पर महात्मा बसवेश्वर की तस्वीर का इस्तेमाल किया। पीएम ने अमेरिका को धन्यवाद दिया।
यहां पोस्ट और आर्काइव वर्जन देखें।
पड़ताल:
विश्वास न्यूज़ ने इंटरनेट पर ख़बरों की जाँच करके अपनी पड़ताल शुरू की। अगर भारत को इस तरह से सम्मानित किया जाता या महात्मा बसवेश्वर की तस्वीर का इस्तेमाल यूएसए द्वारा 100 डॉलर के बिल पर किया जाता तो यह निश्चित रूप से मीडिया हाउसेस द्वारा कवर किया जाता। हालांकि, हमें इंटरनेट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली।
पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारतीय पीएम ने इसके लिए अमेरिका को धन्यवाद दिया। हालाँकि, जब हमने भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर अकाउंट की जाँच की, तो हमें इससे संबंधित कोई ट्वीट नहीं मिला।
इसके बाद हमने वायरल हो रहे 100 डॉलर के बिल की जांच की। हमने देखा कि व्यापक रूप से साझा किए जा रहे प्रत्येक नोट में एक ही क्रमांक (CL01985909BL12) था। हमने इसकी तुलना $ 100 के मूल बिल से की।
विश्वास न्यूज ने इसके बाद ‘नकली $ 100 बिल जनरेटर’ कीवर्ड का उपयोग यह जांचने की कोशिश की कि क्या ऐसी कोई ऐप है जिससे ऐसे नोट बनाये जा सकते हो जो किसी चेहरे को $ 100 बिल पर लगा दे। हमें एक वेबसाइट मिली जिससे 100 डॉलर पर आप कोई भी चेहरा चिपका सकते हैं। इस वेबसाइट का उपयोग करके लोग कस्टमाइज़ करके $100 के बिल बना सकते हैं। इस वेबसाइट पर दिखाए गए अन्य नोटों का क्रमांक ठीक वैसा ही था जैसा कि महात्मा बसवेश्वर की तस्वीर वाले 100 डॉलर के बिल का था। अब यह स्पष्ट हो गया था कि तस्वीर इसी वेबसाइट का उपयोग करके बनाई गई थी।
जांच के अगले चरण में विश्वास न्यूज ने शरण साहित्य के विद्वान , वरिष्ठ पत्रकार और ‘बसवा वाणी’ के संपादक चन्नवीर भद्रेश्वरमठ से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि 100 डॉलर के बिल का दावा करने वाली वायरल पोस्ट में महात्मा बसवेश्वर की तस्वीर नकली है। अमेरिका ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।
विश्वास न्यूज ने अब वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले व्यक्ति की सोशल स्कैनिंग की। पोस्ट को शेयर करने वाले आरएन विभूते (बाबाराजे) सोलापुर के रहने वाले हैं और उन्हें 718 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: यह दावा करने वाला वायरल पोस्ट फर्जी है कि अमेरिका ने 100 डॉलर के बिल पर महात्मा बसवेश्वर की तस्वीर का इस्तेमाल किया है।
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