Fact Check: 1 अप्रैल 2022 से केसीसी को इंटरेस्ट फ्री किए जाने का दावा गलत और मनगढ़ंत

केसीसी के तहत कर्ज लेने वाले किसानों को सात फीसदी तक का ब्याज देना होता है। अगर कोई सही समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं तो उन्हें ब्याज दर में 3 फीसदी की छूट मिलती है और इस तरह से ऐसे किसानों को न्यूनतम 4 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।

Fact Check: 1 अप्रैल 2022 से केसीसी को इंटरेस्ट फ्री किए जाने का दावा गलत और मनगढ़ंत

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष (एक अप्रैल 2022) की शुरुआत से किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए किसी कर्ज के लिए शून्य ब्याज का भुगतान करना होगा।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को ब्याज मुक्त करने की कोई घोषणा नहीं की गई है। केसीसी के तहत कर्ज लेने वाले किसानों को सात फीसदी तक का ब्याज देना होता है। अगर कोई सही समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं तो उन्हें ब्याज दर में 3 फीसदी की छूट मिलती है और इस तरह से ऐसे किसानों को न्यूनतम 4 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘Sunil Kumar’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”1 अप्रैल 22 से किसानो को KCC पर ब्याज शून्य। अभी 4 प्रतिशत देना पड़ता हे ब्याज। धन्यबाद मोदी जी।”

फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

केसीसी के तहत किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण दिए जाने की सूचना अपने आप में बड़ी खबर होती, लेकिन हमें किसी भी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं मिला कि सरकार एक अप्रैल 2022 से केसीसी को ब्याज मुक्त करने जा रही है।

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स जरूर मिली, जिनमें इस योजना के फायदों और कर्ज सीमा का जिक्र है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसानों को क्रेडिट कार्ड का लोन हमेशा सही समय पर भरना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें ही फायदा होता है। किसान क्रेडिट कार्ड पर एक रुपये से लेकर तीन लाख रुपये तक कार्डधारकों को सात फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा समय पर अपने केसीसी खाते का नवीनीकरण कराने पर किसानों को सब्सिडी के तौर पर तीन फीसदी ब्याज वापस मिल जाता है। यानी जो किसान सही समय पर अपना लोन भरते हैं, उन्हें चार प्रतिशत की दर से ही लोन मिलता है

पिछले साल सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत मई 2020 में 2.5 करोड़ किसानों को केसीसी योजना के दायरे में लाने की घोषणा की थी और इस दिशा में उसे कामयाबी भी मिली। डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, सरकार अपनी इस पहल के तहत 2.5 करोड़ किसानों को 2.62 लाख करोड़ रुपये का केसीसी देने में सफल रही है।

हमें किसी भी सरकारी विभाग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जिसमें अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से केसीसी को ब्याज मुक्त किए जाने का दावा किया गया हो।

एसबीआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी से उपरोक्त रिपोर्ट्स में उल्लिखित सभी सूचनाओं की पुष्टि होती है। यहां मौजूद जानकारी के मुताबिक, इस योजना के तहत किसानों को तीन लाख रुपये तक का कर्ज सात फीसदी की ब्याज दर से मिलता है, लेकिन समय पर भुगतान करने वाले किसानों को 3 फीसदी ब्याज छूट दी जाती है। यानी समय पर भुगतान करने वाले किसानों को चार फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ता है, वहीं देर से लोन चुकाने वाले को न तो ब्याज सब्सिडी का फायदा मिलता है और साथ में बैंक ब्याज के साथ पेनाल्टी भी वसूलते हैं।

Source-SBI

एसबीआई की वेबसाइट पर मौजूद यह सभी जानकारियां 11-03-2022 तक अपडेटेड हैं और यहां भी हमें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली, जिसके मुताबिक 1 अप्रैल 2022 से केसीसी के तहत लिए गए किसी भी कर्ज के लिए किसी भी तरह के ब्याज का भुगतान नहीं करना होगा।

वायरल दावे को लेकर हमने एसबीआई प्रवक्ता से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘ऐसी कोई अधिसूचना नहीं जारी की गई है, जिसके मुताबिक एक अप्रैल 2022 से केसीसी को ब्याज मुक्त कर दिया जाएगा।’ विश्वास न्यूज ने इसे लेकर अलग-अलग बैंकों के ग्रामीण शाखा में काम करने वाले कुछ शाखा प्रबंधकों से संपर्क किया। उन्होंने भी वायरल पोस्ट में किए गए ब्याज मुक्त केसीसी कर्ज के दावों को मनगढ़ंत करार दिया।

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को नाहन का रहने वाला बताया है। यह प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित नजर आता है।

निष्कर्ष: एक अप्रैल 2022 से किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए कर्ज को ब्याज मुक्त किए जाने का दावा गलत और मनगढ़ंत है। केसीसी के तहत कर्ज लेने वाले किसानों को सात फीसदी तक का ब्याज देना होता है। अगर कोई सही समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं तो उन्हें ब्याज दर में 3 फीसदी की छूट मिलती है और इस तरह से ऐसे किसानों को न्यूनतम 4 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।

False
Symbols that define nature of fake news
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