Fact Check: 600 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले किसान नेता वी एम सिंह के कांग्रेस नेता होने का दावा गलत

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ पिछले 26 दिनों से जारी किसान आंदोलन को लेकर वायरल हो रही एक पोस्ट में दावा किया गया है कि ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति के सरदार वी एम सिंह वास्तव में कांग्रेस के नेता हैं, जिन्होंने कांग्रेस के टिकट पर पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। यह सही है कि वी एम सिंह ने कांग्रेस के टिकट से पीलीभीत लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वर्तमान में वह कांग्रेस में नहीं है। इतना ही नहीं, अब वह ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSSC) के संयोजक के पद पर भी नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Ambuj Kumar’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) जिसमें न्यूज एजेंसी ANI का स्क्रीन शॉ शेयर किया हुआ है, को शेयर करते हुए लिखा है, ”Sardar V M Singh demanding MSP Law is a Congress leader. He was Lok Sabha candidate from Pilibhit. In 2009 he has assets worth ₹6.32 billion.
THIS IS NOT A KISAN ANDOLAN.”

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट

हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”सरदार वी एम सिंह, जो एमएसपी लॉ की मांग कर रहे हैं, वह कांग्रेस नेता हैं। वह पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार थे। वर्ष 2009 में उनकी कुल संपत्ति 632 करोड़ रुपये थी। यह किसान आंदोलन नहीं है।”

पड़ताल

चूंकि वायरल पोस्ट में न्यूज एजेंसी ANI का स्क्रीनशॉट लगा हुआ है, जिसके मुताबिक वी एम सिंह ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक हैं। गूगल न्यूज सर्च में हमें ‘द हिंदू’ की वेबसाइट पर 14 दिसंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति ने अपने संयोजक वी एम सिंह को उनके पद से हटा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह एमएसपी कानून को लेकर सरकार से अलग से बातचीत करना चाहते थे, जो समिति को मंजूर नहीं थी।

द हिंदू में प्रकाशित रिपोर्ट

इस रिपोर्ट में वी एम सिंह की जो तस्वीर लगी हुई है, वह वही है जो वायरल पोस्ट में है। पड़ताल के इस चरण में यह साबित हुआ कि वी एम सिंह जो ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSSC) के संयोजक थे, अब इस पद पर नहीं हैं।

इसके बाद हमने myneta.info की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों को खंगाला। यहां मौजूद जानकारी के मुताबिक सिंह ने 2012 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश की पालिया (खेड़ी) विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इस सीट से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने अपनी कुल संपत्ति करीब 631 करोड़ रुपये से अधिक बताई थी।

वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 2004 में पीलीभीत लोकसभा सीट से, 2007 में पूरनपुर विधानसभा सीट से और 2009 में फिर से पीलीभीत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2012 में वह तृणमूल कांग्रेस के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़े।


इसके बाद न्यूज सर्च में हमें एक और आर्टिकल मिला, जिसके मुतबिक सिंह ने किसान पार्टी का गठन किए जाने की घोषणा की थी।

पड़ताल के इस चरण में यह साबित हुआ कि वी एम सिंह कांग्रेस में नहीं है। वर्ष 2012 में कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए उसी साल तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति 631 करोड़ रुपये से अधिक बताई थी। हालांकि, वायरल पोस्ट में उनकी संपत्ति को लेकर किया गया दावा सही है।

इसके बाद हमने वी एम सिंह से उनके मोबाइल पर संपर्क किया। वायरल पोस्ट में किए गए दावे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने खुद के कांग्रेस से जुड़े होने के दावे का खंडन किया।

वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को मथुरा का रहने वाला बताया।

निष्कर्ष: किसान आंदोलन में शामिल किसान नेता वी एम सिंह के कांग्रेस नेता होने का दावा गलत है, हालांकि, उनकी संपत्ति को लेकर किया गया दावा सही है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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