नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें पुलिस स्टेशन में अर्नब गोस्वामी के साथ किए गए दुर्व्यवहार की हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में चोरी के आरोप में पकड़े गए युवक के साथ थाने में किए गए पुलिसिया उत्पीड़न की घटना की तस्वीर को अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप चैटबॉट पर भी कई यूजर्स ने इन तस्वीरों को भेजकर इसके साथ किए जा रहे दावे की सच्चाई बताए जाने का अनुरोध किया है।
ट्विटर यूजर ‘Rangoli Chandel (Ranaut)’ ने भी वायरल तस्वीरों (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”Can’t believe he is #ArnabGoswami…If it’s real…..Maharashtra Govt has asked for the dooms day. I m terribly Perturbed.BlackDay4Press.”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इन तस्वीरों को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। हालांकि, सोशल मीडिया के यूजर्स ने इस तस्वीरों को शेयर करते हुए शंका जाहिर की है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इसे अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है।
‘दैनिक जागरण’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने एक इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
न्यूज सर्च में हमें उनकी गिरफ्तारी को लेकर कई खबरें मिली, जिसमें उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि, हमें किसी भी खबर में वह तस्वीर नहीं मिली, जिसे अर्नब का बताकर वायरल किया जा रहा है।
वायरल हो रही इन तस्वीरों के ओरिजिनल सोर्स को खोजने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें यह तस्वीर कई पुरानी न्यूज रिपोर्ट्स में मिली।
news18.com की वेबसाइट पर 10 जनवरी 2020 को प्रकाशित खबर में इन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीरें उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की है, जहां पुलिस स्टेशन के भीतर कुछ पुलिस वालों ने चोरी के आरोप में पकड़े गए एक युवक की निर्ममतापूर्वक पिटाई की।
मामले का वीडियो सार्वजनिक होने पर इसमें शामिल पुलिसवालों को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया।
टीवी पत्रकार आलोक पांडेय ने अपनी वेरिफाइड ट्विटर प्रोफाइल से 10 जनवरी 2020 को इस घटना के वीडियो को ट्वीट किया है, जिसमें कुछ पुलिसवालों को निर्ममतापूर्वक युवक की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर मदनपुर थाने से संपर्क किया। थाने के प्रभारी अधिकारी श्याम सुंदर तिवारी ने कहा, ‘यह घटना काफी पुरानी है और मदनपुर थाने की है।’
गौरतलब है कि गिरफ्तारी के बाद अर्नब गोस्वामी ने पुलिस पर शारीरिक उत्पीड़न और मारपीट का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर उनकी दोबारा मेडिकल जांच कराई गई थी।
‘बीबीसी हिंदी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘अदालत के अंदर जाने के बाद अर्नब ने पुलिस पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया। अदालत ने आदेश दिया कि अर्नब की दोबारा मेडिकल जांच कराई जाए। आदेश के अनुसार जांच कराई गई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें फिर से कोर्ट के सामने पेश किया। सरकारी वक़ील, पुलिस और अर्नब गोस्वामी ने कोर्ट के सामने अपना-अपना पक्ष रखा। डॉक्टर के ऑब्ज़र्वेशन को भी ध्यान में रखा गया। दोबारा की गई जांच की मेडिकल रिपोर्ट पर डेढ़ घंटा सुनवाई चली। इसके बाद अदालत ने कहा कि वो मारपीट के आरोपों पर विचार नहीं करेंगे, क्योंकि प्रथम दृष्टया इसका कोई सबूत नहीं है।’
निष्कर्ष: पुलिस हिरासत में टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ हुए दुर्व्यवहार के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीरें उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में पुलिसिया उत्पीड़न की पुरानी घटना की है, जिसमें शामिल सभी पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
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