Fact Check: विदेशी फंडिंग की वजह से भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का बैंक खाता जब्त किए जाने का दावा फर्जी

Fact Check: विदेशी फंडिंग की वजह से भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का बैंक खाता जब्त किए जाने का दावा फर्जी

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के मोगा ब्रांच में मौजूद खाता सील कर दिया गया है। पोस्ट में किए गए दावे के मुताबिक, बैंक खाते को सील किए जाने की वजह संबंधित खाते में विदेश से जमा कराई गई 1.5 करोड़ रुपये की रकम है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। किसान नेता राकेश टिकैत का बैंक खाता जब्त किए जाने के दावे में कोई सच्चाई नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Mahesh Mittal‎’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसमें दावा किया गया है, ”ब्रेकिंग न्यूज। किसान यूनियन महासचिव राकेश टिकैत का खाता सील। PNB की मोगा ब्रांच में 1.5 करोड़ रुपये आए कनाडा से।”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट

पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब पांच सौ से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने भी इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

न्यूज सर्च में हमें मिली सबसे ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार और किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की बातचीत होने के बाद राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘8 जनवरी 2021 को सरकार के साथ हमारी फिर से मुलाकात होगी। इस दौरान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP के मुद्दे पर 8 तारीख को बात होगी। हमने सरकार को बता दिया है कि कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।’

आज तक की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट

सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत के बैंक खाते को जब्त किए जाने की सूचना हो। न्यूज सर्च में हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 22 दिसंबर 2020 को प्रकाशित खबर मिली। इसके मुताबिक, ‘भारतीय किसान यूनियन उगराहां के महासचिव सुखदेव सह कोकरीकलां के निजी बैंक खाते में देश-विदेश से करीब 14 लाख रुपये आए हैं। इसके बाद बैंक ने उनसे इस रकम के बारे में दस्तावेज देने को कहा है।’

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट लिखकर किसान आंदोलन के लिए चंदा मांगने के बाद कई अलग-अलग देशों से लोगों ने कोकरीकलां के निजी खाते में करीब 14 लाख रुपये डाले। विदेश मंत्रालय की ओर 18 दिसंबर को पत्र मिलने के बाद पंजाब एंड सिंध बैंक की कोकरीकलां शाखा के प्रबंधक ने सुखदेव सिंह से एफसीआरए (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्युलेशन एक्ट) के तहत विदेश से आ रहे चंदे, उसके उद्देश्य और खाते की रजिस्ट्रेशन से संबंधित दस्तावेज मांगे।’

गौरतलब है कि एफसीआरए एक्ट वर्ष 2010 में बना था। विदेश से किसी भी संगठन को अगर चंदा आता है तो उसका इस एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन होना जरूरी होता है। उसे इस संबंध में दस्तावेज बैंक में जमा करवाने होते हैं। दस्तावेज जमा होने के बाद ही वह इस राशि का उपयोग कर सकता है। अगर दस्तावेज जमा नहीं करवाए जाते हैं तो पैसा जिन्होंने भेजा है उन्हें वापस भेज दिया जाता है।

विश्वास न्यूज ने इसे लेकर पंजाब एंड सिंध बैंक के कोकरीकलां के ब्रांच मैनेजर रंजीत कुमार से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘सुखदेव सिंह कोकरीकलां के बैंक खाते को कभी भी सीज नहीं किया गया। उनके खाते में जो चंदे की रकम विदेश से आई थी, उसे लेने के लिए बैंक खाते का FCRA के तहत रजिस्टर्ड होना जरूरी होता है और संबंधित खाता के साथ ऐसा नहीं था।’ उन्होंने यह भी बताया कि इस ब्रांच में राकेश टिकैत का कोई खाता नहीं है।

इसके बाद हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के मोगा के रिपोर्टर सत्येन ओझा से संपर्क किया। राकेश टिकैत के बैंक खाते को सीज किए जाने की बात को अफवाह बताते हुए उन्होंने कहा, ‘यह मामला भारतीय किसान यूनियन उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां के पंजाब एंड सिंध बैंक के मोगा ब्रांच में मौजूद निजी बैंक खाता से संबंधित है। यहां तो राकेश टिकैत का बैंक खाता भी नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘कोकरीकलां का भी बैंक खाता सीज नहीं हुआ है। उनके खाते में जो पैसे आए हैं, वह बैंक की तरफ से मांगे गए दस्तावेजों के बाद ही उनके खाते में क्रेडिट होगा।’

हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट से इसकी पुष्टि होती है। 21 दिसंबर 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘छह दिसंबर को भारतीय किसान यूनियन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां के निजी बैंक खाते में मदद की राशि जमा किए जाने की अपील की। हालांकि, उनका खाता एफसीआरए के तहत पंजीकृत नहीं था और इस वजह से पंजाब एंड सिंध बैंक के फॉरेक्स डिपार्टमेंट ने इस पर आपत्ति जताई।’

हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट

विश्वास न्यूज ने भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के महासचिव युद्धवीर से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह सीधे-सीधे मुद्दे को भटकाने और आंदोलन को बदनाम करने की चाल है। ऐसी कोई बात नहीं हुई है।’

यानी बैंक खाते में आए विदेशी चंदे का मामला भारतीय किसान यूनियन उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां से जुड़ा हुआ है और अनुमानित रकम करीब 14 लाख रुपये है, जबकि वायरल पोस्ट में इसके डेढ़ करोड़ रुपये होने का दावा किया गया है। दूसरा राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता है, जिसका पंजाब से कोई लेना-देना नहीं है। पंजाब में भारतीय किसान यूनियन की उगराहां संगठन सक्रिय है, जिसके महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां हैं। चंदे की रकम पंजाब एंड सिंध बैंक के मोगा ब्रांच में मौजूद खाते से संबंधित है, जबकि वायरल पोस्ट में पंजाब नेशनल बैंक का जिक्र है, जो गलत है।

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को हरियाणा के हिसार का रहने वाला बताया है। यूजर एक पार्टी विशेष से प्रभावित नजर आते हैं।

निष्कर्ष: भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का बैंक खाता जब्त किए जाने का दावा पूरी तरह से गलत है। बैंक खाते में आए विदेशी चंदे का मामला भारतीय किसान यूनियन उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां से जुड़ा हुआ है।

False
Symbols that define nature of fake news
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