नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि विदेश में जमा काला धन लाने की बजाए उसमें बढ़ोतरी हो रही है। पिछले एक साल में विदेश में जमा काले धन में ‘रिकॉर्ड’ 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला। विदेश में जमा भारत के काले धन को लेकर वायरल हो रहा दावा गुमराह करने वाला है। 2017 की स्विस बैंक की पुरानी रिपोर्ट को हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर (आर्काइव लिंक) ‘Chand Mohammad’ ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, ”लुटेरी हो गयी सरकार….. काला धन लाने के बजाय सरकार काला धन बढ़ा रही 1 साल में रिकॉर्ड 50% की बढ़ोतरी।”
यूजर ने इस दावे के साथ किसी अखबार की क्लिप को साझा किया है। इसकी हेडलाइन है- ‘स्विस बैंक में बढ़ा भारतीयों का पैसा। पिछले एक साल में 50 फीसदी की बढ़ोतरी।’
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी इस पोस्ट को कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक)ने समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में स्विस बैंकों में जमा काले धन में इजाफे का जिक्र किया गया है। इस दावे की सच्चाई को परखने के लिए हमने न्यूज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें ‘द हिंदू’ में 28 जून 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक, ‘2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी का इजाफा हुआ और यह बढ़कर 7000 करोड़ रुपये हो गया। ब्लैक मनी के खिलाफ भारत सरकार की तरफ से जारी कार्रवाई के बाद स्विस बैंकों में जमा धन में लगातार तीन साल तक कमी आई थी।’
यानी जिस रिपोर्ट को काला धन में हुई इजाफे का बताकर शेयर किया गया है, वह 2017 की रिपोर्ट है। इसके बाद 2018 की रिपोर्ट सामने आई थी। इसके मुताबिक, स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन में कमी आई है।
‘दैनिक जागरण’ में 30 जून 2019 को प्रकाशित खबर के मुताबिक, स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन में कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘स्विस बैंक में धन जमा करने वालों की सूची में भारत 74वें स्थान पर है। पिछले साल भारत 15 पायदान की छलांग के साथ 73वें स्थान पर था।’
इससे पहले भी यह दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इसे भ्रामक पाया था। 2019 में इस दावे को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था और तब की पड़ताल में यह जानकारी निकल कर सामने आई थी कि स्विस बैंकों (भारत में मौजूद ब्रांचों के जरिए भी) में जमा भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों के धन में करीब 6 फीसदी की कमी आई थी। स्विस नेशनल बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में इन बैंकों में जमा रकम की राशि कम होकर करीब 6,757 करोड़ रुपये हो गई, जो दशक का सबसे निचला स्तर था।
2019 में की गई पड़ताल में हमने 2017 और 2018 की रिपोर्ट का उल्लेख कर यह बताया था कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के काले धन में कमी आई है। 2020 में इस दावे के एक बार फिर से वायरल होने के बाद हमने स्विस बैंकों में जमा काले धन की स्थिति की अद्यतन रिपोर्ट को चेक किया।
न्यूज सर्च में हमें ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में 26 जून 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक, लगातार दूसरे साल स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में कमी आई है। 2019 में इन बैंकों में जमा भारतीयों के धन में 5.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
स्विस बैंक की पुरानी रिपोर्ट को हालिया बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को ट्विटर पर करीब एक हजार लोग फॉलो करते हैं। यह प्रोफाइल जून 2019 से सक्रिय है।
निष्कर्ष: पिछले दो सालों में स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में कमी आई है। वायरल पोस्ट में स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा काले धन में रिकॉर्ड 50 फीसदी की बढ़ोतरी का दावा किया गया है, जो वर्ष 2017 की रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट को हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ साझा किया जा रहा है।
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