Fact Check: भोपाल के हुक्का बार में पड़े छापे की तस्वीर सांप्रदायिक दावे से वायरल, पकड़े गए सभी लड़कियों के हिंदू और लड़कों के मुस्लिम होने का दावा गलत
- By: Abhishek Parashar
- Published: Sep 7, 2020 at 06:01 PM
- Updated: Sep 8, 2020 at 04:10 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मध्य प्रदेश के भोपाल के एक हुक्का लाउंज पर पड़े छापे की तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस छापेमारी में कुल तीस लोगों की गिरफ्तारी हुई, जिसमें 15 लड़कियां और 15 लड़के थे और सभी लड़कियां हिंदू, जबकि लड़के मुस्लिम हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला, जिसे सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ाने के मकसद से फैलाया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
सोशल मीडिया यूजर ‘Chandrmagiri Baba’ ने तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”सोचने बाली बात है आप भी देखो पढ़ो और सोचो।”
वहीं, तस्वीर पर लिखा हुआ है- ”मध्य प्रदेश के जिस हुक्का बार पर कल छापा पड़ा था, उसमें तीस लोग पकड़ाए हैं। 15 लड़के और 15 लड़कियां। सब लड़कियां खाते पीते घर की हैं लेकिन देखने वाली बात यह है कि सभी लड़के मुसलमान हैं और सभी लड़किया हिंदू। एक भी मुस्लिम लड़की नहीं है। यदि किसी को इस बारे में कुछ सोचना हो तो थोड़ा संतुलित दिमाग लगाकर सोचे। वरना जो चल रहा है, वह तो है ही।”
पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब तीन सौ से अधिक लोग सच मानते हुए शेयर कर चुके हैं।
पड़ताल
”मध्य प्रदेश हुक्का बार छापा” की-वर्ड से सर्च करने पर मिली न्यूज रिपोर्ट में इस घटना का विवरण है। लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम की वेबसाइट पर एजेंसी के हवाले से 24 जुलाई को प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने एक हुक्का लाउंज पर बड़ी छापेमारी की कार्रवाई करते हुए 32 लोगों को हिरासत में लिया है।’
खबर में शामिल तस्वीर वही है, जिसे वायरल पोस्ट में गलत दावे के साथ फैलाया जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मुखबिर द्वारा पुलिस को सूचना मिली थी कि थाना शाहपुरा क्षेत्र में ऑरा मॉल के पास ट्रायलोजी पब में कुछ लड़के-लड़कियां लॉकडाउन के समय हुक्का व शराब पी रहे हैं। जानकारी मिलते ही पुलिस और क्राइम ब्रांच ने एक टीम गठित कर ट्रायलोजी पब में छापा मारा। जहां टीम ने पाया कि पब मैनेजर रवि राय व मालिक मनोज रामचंदानी धारा 144 व लॉकडाउन का उल्लंघन करने के साथ-साथ अवैध रूप से ग्राहकों को शराब और हुक्का पिलवा रहा थे। मौके से 32 लोगों को हिरासत में लिया है। आपको बता दें कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुख्य आरोपी नवेद खान पिता निसार खान पूर्व में थाना पिपलानी व एमपीनगर के अपराधों में बंद हो चुका है। वहीं, एक अन्य आरोपी बाबर खान पिता जफर खान को पुलिस पहले भी अपराध के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।’
‘IHN News’ के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर 23 जुलाई को अपलोड किए गए वीडियो बुलेटिन में भी इस घटना का विवरण है।
हालांकि, किसी भी न्यूज रिपोर्ट में हमें हिरासत में लिए गए लोगों के नामों की जानकारी नहीं मिली, जिससे हमें वायरल पोस्ट में किए गए दावे की सच्चाई का पता लगा पाते।
हमारे सहयोगी नवदुनिया भोपाल सीनियर रिपोर्टर (क्राइम) आनंद दुबे ने बताया कि यह जुलाई महीने की घटना है, जिसमें क्राइम ब्रांच ने छापेमारी की कार्रवाई करते हुए 32 लोगों को लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, ‘लेकिन वायरल पोस्ट में किया गया दावा सही नहीं है।’
इसके बाद हमने भोपाल पुलिस से संपर्क किया। भोपाल पुलिस के प्रवक्ता नवीन कुमार ने वायरल हो रहे दावे का खंडन करते हुए विश्वास न्यूज को गिरफ्तार लोगों के नामों की सूची मुहैया कराई। उन्होंने बताया, ‘संबंधित मामले में कुल 33 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिसमें 7 लड़कियां और 26 लड़के शामिल थे। सात लड़कियों में से छह हिंदू, जबकि एक ईसाई थी। वहीं, 26 लड़कों में से 19 मुस्लिम और सात हिंदू थे।’
वायरल पोस्ट में 15 लड़कियों की गिरफ्तारी और उन सभी के हिंदू होने एवं गिरफ्तार सभी 15 लड़कों के मुस्लिम होने का दावा किया गया है। नवीन कुमार ने हमें इस मामले में पुलिस की तरफ से जारी की गई रिलीज को भी शेयर किया, जिसमें हिरासत में लिए गए सभी आरोपियों के नाम का विवरण है।
इस प्रेस रिलीज में भी पुलिस की तरफ से आरोपियों की तस्वीर को भी जारी किया गया है, जो वायरल हो रही तस्वीर से मेल खाती है।
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित नजर आती है।
निष्कर्ष: भोपाल के हुक्का बार पर पड़े छापे की घटना में पकड़े गए 30 लोगों में शामिल 15 लड़कियों के हिंदू और 15 लड़कों के मुस्लिम होने के दावे के साथ वायरल पोस्ट फर्जी है।
- Claim Review : भोपाल के हुक्का बार से पकड़े गए लोगों में शामिल सभी लड़कियां हिंदू और लड़के मुस्लिम
- Claimed By : FB User-Chandrmagiri Baba
- Fact Check : झूठ
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