Fact Check: गाजीपुर बॉर्डर पर लगे टेंट का किराया नहीं दिए जाने के मामले में राकेश टिकैत के खिलाफ नहीं हुई FIR, वायरल दावा फर्जी

Fact Check: गाजीपुर बॉर्डर पर लगे टेंट का किराया नहीं दिए जाने के मामले में राकेश टिकैत के खिलाफ नहीं हुई FIR, वायरल दावा फर्जी

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। केंद्रीय कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में चल रहे किसान आंदोलन के संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि गाजीपुर बॉर्डर पर लगाए गए टेंट का किराया नहीं देने के मामले में टेंट मालिकों की शिकायत पर राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। टेंट का किराया नहीं देने के मामले में राकेश टिकैत के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज किए जाने का दावा पूरी तरह से गलत है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘प्रशांत सैनी’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”गाजीपुर बॉर्डर पर लगे टेन्ट का 6 करोड़ रू देने से राकेश डकैत ने मना कर दिया। टेंट वाले की UP थाने में FIR दर्ज। बाबा जी की पुलिस में खुशी की लहर।”

सोशल मीडिया पर वायल हो रही फर्जी पोस्ट

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन 88वें दिन में प्रवेश कर गया। न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें गाजीपुर बॉर्डर पर लगे टेंट का किराया नहीं दिए जाने के मामले में राकेश टिकैत के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने का जिक्र हो।

भास्कर डॉट कॉम की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन को कवर रहे हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के सीनियर रिपोर्टर अवनीश कुमार ने बताया, ‘इस तरह का मैसेज सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से वायरल है। हालांकि, इसमें कोई सच्चाई नहीं है।’ उन्होंने कहा कि यह दुष्प्रचार का मामला है।

इसके बाद हमने गाजियाबाद के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सिटी 1) निपुण अग्रवाल से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘हमारी जानकारी में ऐसी कोई सूचना नहीं है।’ अग्रवाल ने इस मामले में विशेष जानकारी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सिटी-2) ज्ञानेंद्र सिंह से संपर्क करने के लिए कहा।

सिंह ने विश्वास न्यूज को बताया, ‘टेंट नहीं देने के मामले में राकेश टिकैत के खिलाफ किसी मुकदमे के दावे में कोई सच्चाई नहीं है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।’

सर्च में हमें ऐसी कई खबरें मिली, जिसमें किसानों की तरफ से आंदोलन में योगदान दिए जाने की सूचना थी। पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘गर्मी के मौसम को देखते हुए किसानों ने अपनी ट्रॉलियों में पंखे और छोटे कूलर भी लगाना शुरू कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए किसानों ने बताया कि प्रदर्शनस्थल पर गर्मी से बचने के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं और इसके लिए मेरठ से कई किसानों ने योगदान दिया है।’

पत्रिका डॉट कॉम की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर

सोशल मीडिया पर राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की गलत सूचना साझा करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को दिल्ली का निवासी बताया है। उनकी प्रोफाइल को करीब 200 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: गाजीपुर बॉर्डर पर लगे टेंट का किराया नहीं दिए जाने के मामले में राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा मैसेज पूरी तरह से झूठ है।

False
Symbols that define nature of fake news
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