Fact Check: अग्निपथ स्कीम को ‘सैनिक सम्मान योजना’ के नाम से रिलॉन्च किए जाने का दावा गलत, वायरल नोटिफिकेशन FAKE है
सशस्त्र बलों में नियुक्ति को लेकर अग्निपथ योजना में किसी तरह के बदलाव की घोषणा नहीं की गई है और इस दावे के साथ वायरल हो रहा नोटिफिकेशन फेक है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jun 22, 2024 at 03:37 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया यूजर्स एक अधिसूचना की कॉपी का स्क्रीनशॉट करते हुए दावा कर रहे है कि नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत होने के साथ ही अग्निपथ योजना में संशोधन कर दिया गया है और अब इस योजना का नाम ‘सैनिक सम्मान योजना’ करते हुए इसमें कई बदलाव किए गए हैं, जिसमें सैनिकों का कार्यकाल चार साल से बढ़ाकर सात साल कर दिया गया है और पहले के 25 फीसदी के मुकाबले 60 फीसदी सैनिकों को स्थायी करने का भी प्रावधान किया गया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। केंद्र सरकार की तरफ से ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है और न ही अग्निपथ योजना में किसी तरह के बदलाव की कोई घोषणा की गई है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘HP career point’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “अग्निवीर —Sainik Saman Scheme…सूत्रों के हवाले से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर, अग्निपथ योजना को अब सैनिक सम्मान योजना के नाम से जानेंगे.अब इन सैनिकों का कार्यकाल 4 साल से बढ़ा कर 7 साल करने का प्रस्ताव किया गया है. अब 25 की बजाय 60% को Permanent करने का प्रावधान किया गया है.Technical वाले सभी सैनिक भी Permanent होंगे।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल नोटिफिकेशन में हमें वर्तनी की कई गलतियां नजर आई, जिसमें अग्निपथ का नाम गलत लिखा हुआ है, वहीं अन्य शब्दों की स्पेलिंग भी गलत लिखी हुई है। साथ ही इस नोटिफिकेशन पर किसी मंत्रालय का जिक्र नहीं है। इस तरह की गलतियां किसी नोटिफिकेशन के फेक होने की संभावना को दर्शाते हैं।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें अग्नवीर योजना में ऐसे किसी बदलाव की घोषणा का जिक्र हो। सर्च में हमें इंडियन एक्सप्रेस में 13 जून को छपी खबर मिली, जिसमें अग्निपथ योजना के तहत सैन्य भर्ती के लिए अग्निपथ योजना में संभावित बदलावों को लेकर चर्चा का जिक्र है, जिसमें 25 फीसदी अग्निवीर को सेवा में जारी रखे जाने के प्रतिशत में बदलाव और उनकी प्रशिक्षण अवधि में इजाफा किया जाना शामिल है।
रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट तौर पर जिक्र है कि इन बदलावों की सिफारिशों को अभी सरकार को नहीं भेजा गया है और इन प्रस्तावों पर अभी सेना के भीतर चर्चा जारी है। यानी अग्निपथ स्कीम में बदलाव का दावा फेक है।
केंद्रीय नोडल एजेंसी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की तरफ से भी इसका खंडन करते हुए बताया गया है कि केंद्र सरकार की तरफ से अग्निपथ स्कीम में किसी तरह के बदलाव की घोषणा नहीं की गई है। वायरल पोस्ट को लेकर हमने पीटीआई-भाषा के पत्रकार दीपक रंजन से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि सरकार ने अभी तक इस योजना में किसी तरह के बदलाव की घोषणा नहीं की है।
वायरल पोस्ट में अग्निपथ स्कीम का नाम बदलकर उसे ‘सैनिक सम्मान योजना’ किए जाने का जिक्र है। भारत सरकार के केंद्रीय पोर्टल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना स्वतंत्रता सेनानियों व उनके परिवारों को पेंशन देने के लिए शुरू की गई केंद्रीय योजना है। 15 अगस्त 1972 को लागू की गई योजना के अंतर्गत जीवित, मृत और शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को रहने के लिए पेंशन प्रदान की जाती है।
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने अग्निपथ स्कीम की समीक्षा किए जाने की मांग की है।
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब तीन हजार लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: सशस्त्र बलों में नियुक्ति को लेकर अग्निपथ योजना में किसी तरह के बदलाव की घोषणा नहीं की गई है और इस दावे के साथ वायरल हो रहा नोटिफिकेशन फेक है।
- Claim Review : अग्निपथ योजना को सैनिक सम्मान योजना के नाम से रिलॉन्च किया गया।
- Claimed By : FB User-HP career point
- Fact Check : झूठ
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