Fact Check: कोविड के टीके से नहीं हुए 40 छात्र बीमार, वायरल दावा फर्जी है

वायरल पोस्ट फर्जी है। 2018 में रूबेला टीकाकरण के बाद ये छात्र अस्पताल में भर्ती हुए थे। उस घटना की क्लिपिंग को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक न्यूज़ पेपर क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें लिखा है कि कानपुर में टीकाकरण के बाद लगभग 40 छात्र अस्पताल में भर्ती हुए। इस पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि ये छात्र कोरोना वायरस के टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती हुए।

Vishvas News की जांच में यह दावा फर्जी निकला। 2018 में रूबेला टीकाकरण के बाद ये छात्र अस्पताल में भर्ती हुए थे। उस घटना की क्लिपिंग को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

अखबार की हेडलाइन में लिखा था, “कानपुर में टीकाकरण के बाद 40 छात्रों को भर्ती कराया गया” सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के साथ नाम के यूजर ने लिखा “Soon after injected covid-19 vaccine in india” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “भारत में कोरोना वायरस के टीकाकारण के बाद।”

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

भारत ने दो टीकों को मंजूरी दी है। भारत बायोटेक के कोवाक्सिन और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका के कोविशिल्ड।

जागरण की खबर के अनुसार, भारत ने शनिवार को अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया और कुल 2,07,229 लोगों को टीका लगाया गया, जो दुनिया में सबसे अधिक दिन एक टीकाकरण संख्या है। अखिल भारतीय टीकाकरण अभियान के दूसरे दिन, लगभग 17,072 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने छह राज्यों (आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और मणिपुर) के लगभग 553 वैक्सीन केंद्रों पर कोरोनोवायरस वैक्सीन लगायी गयी।

ख़बरों के अनुसार टीकाकरण के बाद तबीयत खराब होने के कुल 447 मामले सामने आए हैं। हालांकि, हमें कहीं भी 40 छात्रों के अस्पताल में भर्ती होने की पुष्टि करने वाली कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली।

हमने पुष्टि के लिए दैनिक जागरण के कानपुर स्थित सहायक अख़बार inext के न्यूज़ एडिटर मयंक शुक्ला से संपर्क किया। उन्होंने कहा “मीडिया के किसी भी आउटलेट ने हाल में ऐसी कोई भी खबर प्रकाशित नहीं की है। यह क्लिपिंग 2 साल पुरानी एक घटना की है। रूबेला वैक्सीन के बाद कुछ छात्रों को कुछ हल्के दुष्प्रभाव दिखाई दिए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।

खोजने पर हमें 30 नवंबर 2018 को हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित वायरल लेख मिला। खबर के अनुसार, कानपुर में तीन स्कूलों के 40 से अधिक बच्चों को खसरा और रूबेला टीकाकरण के बाद बुखार, सिरदर्द और पेट में दर्द हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले ट्विटर यूजर की सोशल स्कैनिंग से पता चला कि वह पाकिस्तान से है और उसके प्रोफाइल के 1,362 फॉलोअर्स हैं और वह अक्टूबर 2016 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: वायरल पोस्ट फर्जी है। 2018 में रूबेला टीकाकरण के बाद ये छात्र अस्पताल में भर्ती हुए थे। उस घटना की क्लिपिंग को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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