Fact ChecK : पीएम नरेंद्र मोदी दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि दे रहे थे, गोडसे को नहीं

Fact ChecK : पीएम नरेंद्र मोदी दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि दे रहे थे, गोडसे को नहीं

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर पीएम नरेंद्र मोदी के संबंध में एक पोस्‍ट को वायरल करते हुए गलत दावा किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी गांधी के हत्‍यारे को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पोस्‍ट में गांधी के हत्‍यारे से आशय नाथूराम गोडसे से है। विश्‍वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। दरअसल पीएम मोदी को 6 अप्रैल 2017 में भाजपा मुख्‍यालय में दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि दे रहे थे। उसी तस्‍वीर को अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पेज With RG ने 4 अक्‍टूबर को दो तस्‍वीरों को कोलार्ज अपलोड करते हुए आपत्तिजनक शब्‍दों का इस्‍तेमाल किया गया। गांधी जी की तस्‍वीर के नीचे GANDHI और दीनदयाल उपाध्‍याय वाली फोटो के नीचे लिखा है KILLER OF GANDHI.

पड़ताल

विश्‍वास टीम को अपनी पड़ताल में सबसे पहले यह पता लगाना था कि क्‍या वाकई में पीएम मोदी ने गांधी जी के हत्‍यारे को नमन किया था या फिर किसी और को? सच जानने के लिए हमने वायरल पोस्‍ट में से दाएं तरफ वाली तस्‍वीर को क्रॉप करके गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें ऐसी कई तस्‍वीरें मिलीं, जिसमें नरेंद्र मोदी उस प्रतिमा को नमन करते हुए दिखे, जिसे सोशल मीडिया पर गांधी जी का हत्‍यारा बताया जा रहा है। लेकिन सच कुछ और ही था। जिस तस्‍वीर को गांधी जी के हत्‍यारे नाथूराम गोडसे की बताई जा रही थी, दरअसल वह जनसंघ के अध्‍यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय की है।

गूगल रिवर्स इमेज सर्च के दौरान ही हमें indiatoday.in का एक लिंक मिला। 6 अप्रैल 2017 को प्रकाशित इस खबर में वायरल तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए सोर्स में ANI का नाम दिया गया था। खबर में बताया गया कि 6 अप्रैल 2017 को भाजपा के 37वें फाउंडेशन डे के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा मुख्‍यालय पहुंचे थे। वहां उन्‍होंने दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि दी थी। वायरल तस्‍वीर उसी दौरान की है।

सर्च के अगले पड़ताल में हम InVID टूल का यूज किया। वहां हमने Deendayal और ANI टाइप करके एएनआई के उस ट्वीट को सर्च करना शुरू किया, जिसमें नरेंद्र मोदी दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। आखिरकार हमें वह ट्वीट मिल ही गया। 6 अप्रैल 2017 को सुबह 9:22 बजे किए गए इस ट्वीट में दो तस्‍वीरों के जरिए बताया गया कि दिल्‍ली में भाजपा मुख्‍यालय में नरेंद्र मोदी दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने लेखक राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रांत के प्रचार प्रमुख राजीव तुली से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीर भाजपा मुख्‍यालय की है। तस्‍वीर में पीएम मोदी पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। गांधी के हत्‍यारे वाला दावा गलत है।

अब हमें यह जानना था कि वायरल पोस्‍ट की पहली तस्‍वीर कहां की है, जिसमें पीएम मोदी गांधी जी को सूत की माला पहनाते हुए दिख रहे हैं। गूगल रिवर्स इमेज में सर्च के दौरान हमें यह तस्‍वीर डेक्‍कन हेराल्‍ड की वेबसाइट पर मिली। 8 जनवरी 2015 को अपलोड इस तस्‍वीर के कैप्‍शन में बताया गया कि प्रवासी भारतीय दिवस के 13वें संस्‍करण के दौरान पीएम मोदी गांधी नगर में महात्‍मा गांधी को माला पहनाते हुए। इस तस्‍वीर को पीटीआई के फोटोग्राफर ने क्लिक की थी।

अंत में हमने उस पेज की सोशल स्‍कैनिंग की, जिसने फर्जी पोस्‍ट को अपलोड किया। With RG नाम के इस फेसबुक पेज को 8 लाख से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इसे 8 फरवरी 2010 को बनाया गया था।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर वायरल की जा रही पोस्‍ट फर्जी है। वायरल पोस्‍ट में गांधी के हत्‍यारे से आशय नाथूराम गोडसे से है। जबकि सच यह है कि मोदी गांधी के गोडसे को नहीं, बल्कि दीनदयाल उपाध्‍याय को भाजपा मुख्‍यालय में श्रद्धांजलि दे रहे थे। तस्‍वीर 6 अप्रैल 2017 की है।

False
Symbols that define nature of fake news
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