विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पीएम मोदी के वायरल वीडियो को एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की कामयाबी के बारे में बता रहे हैं। असली वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि पहले गुजरात की पहचान ट्रेडर्स स्टेट के रूप में होती थी, जो कि एक जगह से लेते थे, दूसरी जगह देते थे। बीच में जो भी कमीशन मिले, उससे गुजारा करते थे। लेकिन अब यह छवि बदल गई है और गुजरात औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के रूप में जाना जाता है। उनका ऐसा कहने का संदर्भ ट्रेडर्स स्टेट यानी गुजरात की मुख्य आय स्तोत्र कमीशन से था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक वीडियो को तेजी से शेयर किया जा रहा है। वीडियो में पीएम मोदी दलाली को लेकर बोलते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि वो अपनी सरकार और उनके कार्यों के बारे में बता रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की कामयाबी के बारे में बता रहे हैं। असली वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि पहले गुजरात की पहचान ट्रेडर्स स्टेट के रूप में होती थी, जो कि एक जगह से लेते थे, दूसरी जगह देते थे। बीच में जो भी कमीशन मिले, उससे गुजारा करते थे। लेकिन अब यह छवि बदल गई है और गुजरात औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के रूप में जाना जाता है। उनका ऐसा कहने का संदर्भ ट्रेडर्स स्टेट यानी गुजरात की मुख्य आय स्तोत्र कमीशन से था।
इंस्टाग्राम यूजर ‘बी आर अंबेडकर’ ने वायरल वीडियो को शेयर किया है। वीडियो पर लिखा हुआ है, “मोदी जी अपनी कहानी सुना रहे हैं। अंधभक्तों सुन लो दलाली की कहानी.. सुनिए उन्हीं की जुबानी.. मोदी जी की छवि देख लो अंधभक्तों।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें असली वीडियो संसद टीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 27 सितंबर 2023 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वीडियो वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 20 साल पूरे होने के एक कार्यक्रम का है। असली वीडियो में पीएम मोदी वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम के बारे और इसकी सफलता के बारे में बता रहे हैं। वीडियो में 1.01.10 से सुना जा सकता है पीएम मोदी कहते हैं,, “ साथियों, 20वीं शताब्दी में हमारा गुजरात, हमारी पहचान क्या थी? हम एक ट्रेडर्स स्टेट के रूप में जाने जाते थे। एक जगह से लेते थे, दूसरी जगह देते थे। बीच में जो भी दलाली मिले, उससे गुजारा करते थे। ये हमारी छवि थी। लेकिन 20वीं सदी की उस छवि को छोड़कर के 21वीं सदी में गुजरात ट्रेड के साथ एक एग्रीकल्चर पावर हाउस बना, एक फाइनेंशियल हब बना और एक इंडस्ट्रियल और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के रूप में उसकी एक पहचान बन गई है। इसके अलावा गुजरात की ट्रेड बेस्ड रेप्यूटेशन भी काफी मजबूत हुई है। इन सभी के पीछे वाइब्रेंट गुजरात जैसे आयोजनों की सफलता है, जो आइडिया, इनोवेशन और इंडस्ट्रीज के इनक्यूबेटर की तरह काम कर रहा है।”
पड़ताल के दौरान हमें असली वीडियो पीएम मोदी के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर 27 सितंबर 2023 को शेयर हुआ मिला। यहां पर भी वीडियो को लेकर यही जानकारी दी गई है कि वीडियो वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम का है और पीएम मोदी इसी कार्यक्रम को लेकर बातचीत कर रहे थे।
एबीपी न्यूज की वेबसाइट पर 27 सितंबर 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम के 20 साल पूरे होने पर कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम को असफल बनाने के कई प्रयास किए थे। 20वीं सदी में गुजरात एक ट्रेडर्स स्टेट के रूप में जाना जाता था, जो चीजें एक जगह से लेता था, दूसरी जगह देता था और बीच में बची हुई कमीशन लेता था। लेकिन 21वीं सदी में गुजरात एक कृषि महाशक्ति और वित्तीय केंद्र बन गया है। अब गुजरात की छवि बदल गई है और राज्य को एक औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के रूप में पहचाना जाने लगा है।
अधिक जानकारी के लिए हमने बीजेपी प्रवक्ता विजय सोनकर से संपर्क किया। उन्होंने वीडियो को एडिटेड और दावे को गलत बताया है।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को 1,209 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पीएम मोदी के वायरल वीडियो को एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की कामयाबी के बारे में बता रहे हैं। असली वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि पहले गुजरात की पहचान ट्रेडर्स स्टेट के रूप में होती थी, जो कि एक जगह से लेते थे, दूसरी जगह देते थे। बीच में जो भी कमीशन मिले, उससे गुजारा करते थे। लेकिन अब यह छवि बदल गई है और गुजरात औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के रूप में जाना जाता है। उनका ऐसा कहने का संदर्भ ट्रेडर्स स्टेट यानी गुजरात की मुख्य आय स्तोत्र कमीशन से था।
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