Fact Check: PM मोदी ने दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति के सामने हाथ जोड़े हैं, गोडसे के आगे नहीं

Fact Check: PM मोदी ने दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति के सामने हाथ जोड़े हैं, गोडसे के आगे नहीं

नई दिल्ली (विश्वास टीम)।  सोशल मीडिया पर आजकल एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें लिखा यह है ‘हमारे दोगले प्रधानमंत्री जो मरने वाले गांधी जी को भी प्रणाम करते हैं और उन्हें मारने वाले नाथूराम गोडसे को भी प्रणाम करते हैं’। इस पोस्ट में दो तस्वीरें दी गई है जिसमें एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी के सामने हाथ जोड़कर सर झुकाए खड़े हैं और दूसरी तरफ एक और स्टैचू के सामने भी हाथ जोड़कर खड़े हैं। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि जिस मूर्ति के सामने मोदी हाथ जोड़े खड़े हैं वह मूर्ति नाथूराम गोडसे की नहीं, बल्कि दीनदयाल उपाध्याय की है। यह डिस्क्रिप्शन गलत है।

Claim

तस्वीर में दो फोटो को मिलाकर एक कोलाज बना हुआ है इसमें एक तरफ नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर सर झुकाए खड़े हुए हैं और दूसरी तरफ से किसी दूसरे व्यक्ति के स्टैचू के सामने हाथ जोड़कर खड़े हुए हैं। साथ में क्लेम किया गया है कि ‘यह हमारे दोगले प्रधानमंत्री जो मरने वाले गांधी जी को भी प्रणाम करते हैं और उन्हें मारने वाले नाथूराम गोडसे को भी प्रणाम करते हैं’। इस पोस्ट को अब तक 600 से ज़्यादा बार शेयर  किया गया है।

Fact Check

अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले फोटो में राइट साइड में दी गयी तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। कुछ सर्च करने पर हमारे हाथ इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स की एक स्टोरी लगी जो बीजेपी स्थापना दिवस के बारे में थी। इस आर्टिकल में तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। तस्वीर में कैप्शन लिखा है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्रियों एम वेंकैया नायडू, सुरेश प्रभु और अन्य पार्टी सदस्यों की उपस्थिति में पंडित दीन दयाल उपाध्याय को गुरुवार 6 अप्रैल, 2017 को श्रद्धांजलि दी।”। साफ़ है कि तस्वीर में मौजूद मूर्ति पंडित दीन दयाल उपाध्याय की है ना कि नाथूराम गोडसे की।

इस सिलसिले में हमने बीजेपी के नेशनल इनफार्मेशन और टेक्नोलॉजी इंचार्ज अमित मालवीय से बात की जिन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर बीजेपी के पुराने दफ्तर 11 अशोका रोड में 2017 में ली गयी थी और तस्वीर में मौजूद मूर्ति नाथूराम गोडसे की नहीं, बल्कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की है।

नाथूराम गोडसे और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरों और मूर्तिओं में अंतर आप नीचे देख सकते हैं।

नाथूराम गोडसे और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरों में अंतर

इस तस्वीर को ‘I Want To Vote For Aam Aadmi Party’ नाम के फेसबुक पेज ने शेयर किया था। इस की कुल 220800 से अधिक फॉलोअर्स हैं। यह एक फैन पेज है।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि शेयर किया जा रहा पोस्ट एकदम गलत है। मोदी जिस व्यक्ति की मूर्ति के सामने हाथ जोड़े खड़े हैं वह नाथूराम गोडसे की नहीं, बल्कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की है।  

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False
Symbols that define nature of fake news
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