Fact Check: पीएम मोदी का एडिटेड वीडियो किया जा रहा फर्जी दावे के साथ वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि पीएम मोदी की असल वीडियो को एडिट करके स्लो कर दिया गया है, जिससे उनके बात करने का तरीका नॉर्मल नहीं लग रहा है। अब इसी एडिटेड वीडियो को एक फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)- पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन का दौरा किया है और उसी के बाद से सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा रहा है, जिसमें उन्हें पत्रकारों से धीमी भाषा में बात करते हुए सुना जा सकता है। यूजर वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा कर रहे हैं कि पीएम मोदी ने नशे की हालत में पत्रकारों से बात की। जब विश्वास न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल की तो हमने पाया कि वायरल दावा फर्जी है। पीएम मोदी की असल वीडियो को एडिट करके स्लो कर दिया गया है, जिससे उनके बात करने का तरीका नॉर्मल नहीं लग रहा है। अब इसी एडिटेड वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

वायरल वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, ‘थोड़ी सी जो पी ली है. चोरी तो नहीं की है। औ जूली, औ शीला, औ रानो, जमालो। कोई हमको रोको कोई तो संभालो। कही हम गिर ना पड़े।”

फैक्ट चेक के मक़सद से लिखी गई इस खबर में फेसबुक पोस्ट को हूबहू लिखा गया है।

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देख सकते हैं।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वीडियो को गौर से देखा। वीडियो में हमें आज तक का कैमरा नज़र आया। हाल ही में पीएम मोदी ने बर्लिन का दौरा किया था। इसी बुनियाद पर हमने अपनी पड़ताल शुरू की और आज तक के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो को तलाश करना शुरू किया। सर्च में हमें इस वायरल वीडियो का बड़ा वर्जन 3 मई 2022 को अपलोड हुआ मिला। यहाँ वीडियो में पीएम मोदी को वायरल वीडियो की तरह नहीं, बल्कि नॉर्मल तरीके से बात करते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में पीएम मोदी पत्रकारों से पूछते हुए नज़र आ रहे हैं कि उन्हें ऑडिटोरियम के अंदर इनवाइट क्यों नहीं किया गया था और उसके बाद पत्रकारों को अपना ख्याल रखने की बात कहते हुए दिखते हैं। इस वीडियो को देखने बाद यह साफ़ होता है कि वीडियो को एडिट करके स्लो कर दिया गया है।

खबर के मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर सोमवार सुबह जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंचे थे। मोदी ने यहां कई कार्यक्रमों में शिरकत की। इसके अलावा वह बर्लिन में भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिले। भारतीय प्रवासियों से मुलाकात का कार्यक्रम होटल एडलान केम्पिंस्की में रखा गया था।’

विश्वास न्यूज़ ने पुष्टि के लिए हमारे साथ दैनिक जागरण में नेशनल ब्यूरो को कवर करने वाले सीनियर कॉरेस्पॉन्डेंट जय प्रकाश रंजन के साथ वायरल वीडियो शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा बिल्कुल गलत है। बर्लिन में पीएम मोदी का जिस ऑडिटोरियम में भाषण हुआ था, वहां प्राइवेट मीडिया को जाने की इजाज़त नहीं थी और इसी के बारे में पीएम मोदी वीडियो वायरल में बात कर रहे हैं।

हमनें वायरल वीडियो को हमारी वीडियो टीम के साथ भी शेयर किया। वीडियो एडिटर अनूप चौहान ने हमें बताया कि इस वीडियो में बात करने की स्पीड को 80 परसेंट तक स्लो कर दिया गया है, ताकि पता न चले और गड़बड़ फील ना आये। इसके अलावा उन्होंने बताया कि यह वीडियो पूरी तरीके से स्लो मोशन नहीं है, लेकिन बहुत चालाकी से वीडियो फुटेज को सिर्फ थोड़ा-सा स्लो किया गया है ऑडियो के साथ।

एडिटेड पोस्ट को फेसबुक पेज फार्मर जाट ने शेयर किया है। इस पेज को 3830 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि पीएम मोदी की असल वीडियो को एडिट करके स्लो कर दिया गया है, जिससे उनके बात करने का तरीका नॉर्मल नहीं लग रहा है। अब इसी एडिटेड वीडियो को एक फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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