विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट झूठी निकली। पुणे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म की पुरानी टिकट की तस्वीर से छेड़छाड़ करके कुछ लोग फर्जी पोस्ट वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (Vishvas News)। दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे किसान आंदोलन के बीच सोशल मीडिया में बिजनेसमैन गौतम अडानी को लेकर कई फर्जी पोस्ट वायरल हो रही हैं। कभी किसी तस्वीर के माध्यम से भारतीय रेल को अडानी की रेल बताया जा रहा है तो कभी अहमदबाद एयरपोर्ट का नाम बदल कर अडानी एयरपोर्ट करने का झूठ वायरल किया जा रहा है। इसी क्रम में अब एक प्लेटफॉर्म टिकट के साथ छेड़छाड़ करके वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमें पता चला कि पुणे जंक्शन की प्लेटफॉर्म टिकट के ऊपर अलग से ‘अडानी रेलवे, रेलवे अब हमारी निजी संपत्ति है’, लिखा गया है। कोरोना के कारण पुणे प्लेटफॉर्म की टिकट के दाम को बढ़ाया गया था। उसी प्लेटफॉर्म टिकट के ऊपर अब अडानी का नाम लिखकर फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। इससे पहले भी ओरिजनल प्लेटफॉर्म टिकट को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया गया था। इसे आप यहां देख सकते हैं।
सोशल मीडिया पर एक प्लेटफॉर्म टिकट वायरल हो रही है। फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर इस टिकट को वायरल करते हुए लोग दावा कर रहे हैं कि भारतीय रेलवे अब अडानी रेलवे हो चुका है।
फेसबुक यूजर अशोक कुमार ने 27 दिसंबर को ऐसी ही एक फर्जी प्लेटफॉर्म टिकट को अपलोड करते लिखा : ‘हो गयी शुरुआत जनता को लुटने की।’
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले गूगल सर्च में ‘पुणे प्लेटफॉर्म टिकट 50 रुपए’ टाइप करके सर्च किया। सर्च के दौरान हमें कई न्यूज वेबसाइट पर यह खबर मिली कि पुणे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाए गए थे। नवभारत टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, पुणे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म में प्रवेश का शुल्क बढ़ाया गया। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।
पड़ताल के दौरान हमें रेलवे का एक भी ट्वीट मिला। इसमें रेलवे प्रवक्ता की ओर से सफाई देते हुए बताया गया कि पुणे जंक्शन द्वारा प्लेटफॉर्म टिकट का मूल्य ₹50 रखने का उद्देश्य अनावश्यक रूप से स्टेशन पर आने वालों पर रोक लगाना है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट की दरों को कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों से ही इसी प्रकार नियंत्रित करता आया है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने पुणे डिवीजन के जनसंपर्क अधिकारी मनोज झवर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि कोविड के कारण पुणे रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट प्रतिबंधित है। लेकिन गर्भवती महिला, बुजुर्ग और बीमार लोगों के अलावा जरूरतमंद लोगों के परिजनों को ही प्लेटफॉर्म टिकट बेचा जा रहा है। टिकट के दाम इसीलिए बढ़ाए गए, ताकि अनावश्यक भीड़ को रोका जा सके। अडानी रेलवे वाली बात एकदम झूठी है।
अब बारी थी कि उस फेसबुक अकाउंट की जांच करने की, जिसने फर्जी पोस्ट की। सोशल स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक यूजर अशोक कुमार दिल्ली के रहने वाले हैं। उन्होंने अपना अकाउंट फरवरी 2015 में बनाया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट झूठी निकली। पुणे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म की पुरानी टिकट की तस्वीर से छेड़छाड़ करके कुछ लोग फर्जी पोस्ट वायरल कर रहे हैं।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।